लखनऊ. पति द्वारा एसिड अटैक का शिकार हुई एक लड़की आज आत्मनिर्भर बन चुकी है। राजधानी की एसिड अटैक सरवाइवर्स के लिए काम करने वाली एक संस्था में रेशमा काम करती हैं। उन्होंने लगातार 5 बेटियों को जन्म दिया, और जब छठी बार वो प्रेग्नेंट हुईं तो पति ने भ्रूण लिंग की जांच कराने के लिए कहा। मना करने पर बौखलाए पति नसीम ने उसके प्राइवेट पार्ट पर एसिड डाल दिया। मिडिया से रेशमा ने बात की और रोते-बिलखते हुए रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानी सुनाई।
बेटी होने पर खुश नहीं था कोई
– कानपुर की रहने वाली रेशमा की शादी 1998 में लखनऊ के एक ट्रेवल एजेंट नसीम से हुई थी।
– घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद रेशमा के पिता मोहम्मद यासीन ने बेटी को दहेज में सब कुछ दिया, लेकिन ससुराल पहुंंचते ही रेशमा के ऊपर परेशानियों का पहाड़ टूट पड़ा।
– जब पहली बार रेशमा गर्भवती हुई और उसने बेटी को जन्म दिया। पति, सास और नंंद को कोई खुशी नहीं हुई। उन लोगों ने बच्ची को गोद तक में नहीं उठाया।
पति बोला- भ्रूण लिंग की जांच कराओ
– इस तरह रेशमा 5 बार प्रेग्नेंट हुई और हर बार उसने लड़की को जन्म दिया।
– छठी बार रेशमा जब प्रेग्नेंट हुई, तो 23 जुलाई 2013 को पति ने उसे भ्रूण लिंग की जांच करने को कहा। उसके मना करने पर नसीम ने पहले तो उसे बुरी तरह मारा-पीटा।
– इसके बावजूद भी जब वह नहीं मानी तो, उसके प्राइवेट पार्ट पर एसिड डाल दिया।
– ऐसा करने के बाद पति उसे तड़पता छोड़कर वहां से चला गया और सास, नन्द भी उसकी चीख सुनकर नहीं आए।
– 3 घंटे फर्श पर तड़पते रहने के बाद बेटी के साथ वह खुद हॉस्पिटल गई। कई दिनों तक इलाज चलने के बाद उसने अपने परिवार वालों को ये घटना सुनाई।
छठी बार पैदा हो गया बेटा
– हादसे के बाद रेशमा के मां-बाप उसे घर ले गए और नसीम के ऊपर एफआईआर दर्ज करा दी।
– उन लोगों ने बेटी की कहानी समाज के सामने रखी।
– कोर्ट में मुकदमा चला और पति को 17 साल की जेल हो गई। इस दौरान रेशमा शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से कमजोर हो चुकी थी।
– हादसे के 7 महीने बाद 1 फरवरी 2014 को रेशमा ने मायके में ही बेटे को जन्म दिया। जिसे न तो उसका पति देख सका न ही उसके ससुराल वाले।
रेशमा अब हो चुकी हैं आत्मनिर्भर
– अब वे आत्मनिर्भर हो चुकी हैं और अपने बेटे की परवरिश खुद कर रही हैं।
– वह चाहती हैं कि उनकी पांचों बेटियां भी उनके साथ ही रहें, जोकि अभी भी उसके ससुराल में ही हैं।
– संस्था की मदद से वो हाथ की कढ़ाई के काम करती हैं। इसके साथ ही वो समय-समय पर ट्रेनिंग भी लेती रहती हैं।
रेशमा ने बहुत की शादी बचाने की कोशिश
– रेशमा कहती है कि उन्होंने शादी बचाने की बहुत कोशिश की। इसीलिए पति, नन्द और सास के हर जुल्म को बर्दाश्त करती रहीं।
– शादी के 15 साल बाद आखिर को सब खत्म हो ही गया, लेकिन मैं आज जो कुछ भी हूंं उससे बहुत खुश हूंं। आभार-दैनिकभास्कर.कॉम