लखनऊ ( छविनाथ यादव)। नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर 19 दिसम्बर को शहर में हिंसा भड़काने के मास्टर माइंड तीन लोगों को पुलिस ने सोमवार को धर दबोचा। मास्टर माइंड पीएफआई का प्रदेश अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष व डिविजनल सदस्य हैं। इनके पास से पुलिस को कई धार्मिक उन्माद की किताबे, विरोध किये जाने के बैनर, सीडी, पोस्टर आदि बरामद किये हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने बताया कि हजरतगंज पुलिस ने इन्दिरानगर के विकास भवन ए ब्लॉक निवासी वसीम अहमद और उसके साथी बाराबंकी निवासी नदीम और अशफाक को गिरफ्तार किया है। वसीम पापुलर फ्रंट ऑफ इण्डिया (पीएफआई) का प्रदेश अध्यक्ष है तो नदीम प्रदेश कोषाध्यक्ष और अशफाक डिविजनल प्रेसीडेंट है। पूछताछ करने पर वसीम ने बताया कि उसने अपने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर 19 दिसम्बर को शहर में उग्र प्रदर्शन को लेकर व्यापक रणनीति बनायी थी। सोशल मीडिया का विभिन्न ग्रुप बनाकर मैसेज प्रसारित करके अधिक से अधिक संख्या में लखनऊ पहुंचने की अपील की गई थी। साथ ही व्यक्तिगत रुप से लखनऊ एवं आसपास के जिलों में जनसम्पर्क करके अधिक से अधिक लोगों को लखनऊ आने के लिए कहा गया था।
एसएसपी ने बताया कि इससे पहले रिहाई मंच के सदस्य मोहम्मद शोएब, रॉबिन वर्मा गिरफ्तार करके जेल भेजा गया है। इसके अलावा शामली में पीएफआई की एडहाक कमेटी के सदस्य मौलाना शादाब, डॉ. नावेद व 11 अन्य पीएफआई के सदस्य विभिन्न थानों में मुकदमा दर्ज करके जेल भेजे गए हैं। एसएसपी ने बताया कि पकड़े गए अभियुक्तों के पास से एनआरसी के विरोध को लेकर 26 तख्ती, 29 झंडा 100 पैम्पलेट्स, 36 पेपर कटिंग बरामद की गई है। इनकी गिरफ्तारी बाराबंकी और इन्दिरानगर से हुई है सभी को जेल भेजकर अन्य लोगों की धरपकड़ की जा रही है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जुलाई में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के पोस्टर चिपके मिले थे। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया प्रतिबंधित संगठन है जिसके तार नक्सलियों से जुड़ते हैं। इससे पहले लखनऊ से सटे बाराबंकी में पीएफआई के पोस्टर चिपके मिले थे।