शौर्य स्मारक के उद्घाटन पर पीएम मोदी ने कहा- भारतीय सेना बोलती नहीं, पराक्रम दिखाती है, पढ़े पीएम मोदी का संबोधन…

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 भोपाल। नरेंद्र मोदी शुक्रवार को मनोहर पर्रिकर के साथ भोपाल के लाल परेड ग्राउंड पहुंचे। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद ये पहली बार है कि मोदी पूर्व सैनिकों के सम्मेलन में शामिल हुए। उन्होंने कहा, “उस दिन रोज मेरे बाल नोंच लिए जाते थे कि मोदी सो रहा है, मोदी कुछ कर नहीं रहा है। लेकिन जैसे हमारी सेना बोलती नहीं, पराक्रम करती है। हमारे रक्षा मंत्री भी बोलते नहीं हैं।”

 पीएम नरेन्द्र मोदी का संबोधन

– इस ऐतिहासिक मौक़े पर आना मेरा सौभाग्य
– देश के वीर जवानों को नमन करने का अवसर
– सेना का नाम आते ही वर्दी, शस्त्र, वीरता की चर्चा होती है
– भारत का सैन्य बल मानवता की बड़ी मिसाल
– बद्रीनाथ-केदारनाथ में सेना ने मानवता को बचाया
– लोगों की ज़िन्दगी बचाने में अपनी ज़िन्दगी दे देते हैं
– दो साल पहले श्रीनगर में बाढ़ पीड़ितों को सेना ने बचाया
– मेरी सेना का प्रशिक्षण, उसकी मानवता देखिए
– कश्मीरियों की मदद करने में सेना ने अपने घाव नहीं देखे
– हमारी सेना ने मानवता का धर्म सबसे ऊपर देखा
– कश्मीरियों की ज़िन्दगी बचाने में जी-जान से जुटे रहे
– दुनिया के कई देशों के पास हमसे ज़्यादा सैन्य शक्ति
– हमारे सुरक्षा बल का अनुश्सान-व्यवहार प्रथम पंक्ति में
– पूरे विश्व में हमारी सेना मानवता और शांति की मिसाल
– पीस मिशन में दुनिया के कई मुल्क़ों में हमारे सैनिक
– विश्व के पीस मिशन में सबसे ज़्यादा हिन्दुस्तान का योगदान
– हमारी सेना शस्त्र के अलावा मानवता की सबसे बडी़ मिसाल
– आतंकवाद ने दुनिया भर में भयंकर रूप ले लिया है
– यमन में भारतीय नागरिकों को हमारी सेना ने बचाया
– 5 हज़ार भारतीयों को सलामत भारत लेकर आई सेना
– पाकिस्तान के नागरिकों को भी हमारी सेना ने बचाया
– सेना को सिर्फ़ उसकी ताक़त पर नहीं आंकना चाहिए
– हमारे पूर्वजों ने एक इंच ज़मीन का झगड़ा नहीं किया
– किसी मुल्क़ से उसकी ज़मीन छीनने की कोशिश नहीं की
– सेना ने जब ज़रूरत पड़ी अपना पराक्रम दिखाया
– द्वितीय विश्व युद्ध में हमारे डेढ़ लाख जवानों ने बलिदान दिया
– पूरा विश्व इस बात को भुला देता है
– हम भी कई बार भूल जाते हैं
– ये बलिदान पूरी दुनिया के सामने याद कराने की ज़रूरत
– गांधी मानवता के लिए जीते हैं
– सेना भी मानवता की सबसे बड़ी मिसाल है
– जल-थल-वायु सेना सीमा पर डटी हुई है
– पैरा मिलिट्री के जवान भी सीमा पर डटे हैं
– सैनिक अपनी जवानी खपाकर हमें चैन की नींद देते हैं
– हम चैन की नींद सोते हैं तो सेना सबसे ख़ुश होती है
– कभी-कभी जागने के वक़्त भी हम सो जाते हैं
– सिर्फ़ सेना के जवानों को नहीं जागना है
– हमें भी सेना के साथ सतत जागने की ज़रूरत
– सिर्फ़ शस्त्र से युद्ध नहीं जीत सकते
– सेना के लिए मनोबल सबसे बड़ा शस्त्र
– सवा सौ करोड़ देशवासियों का मनोबल सेना की सबसे बड़ी ताक़त
– हमारी सेना पराक्रम करती है
– मेरे बाल नोच लिए जाते थे ये कहकर कि मोदी सो रहा है
– हमारी सेना बोलती नहीं पराक्रम करती है
– हमारे रक्षा मंत्री भी बोलते नहीं हैं
– मध्य प्रदेश सरकार का विशेष अभिनंदन
– शौर्य स्मारक के लिए पीएम मोदी ने किया स्वागत
– शौर्य स्मारक हम सब के लिए तीर्थ क्षेत्र है
– हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है शौर्य स्मारक
– हम जानें कि सैनिक के रग-रग में हिन्दुस्तान क्यों समाया है
– अपनों को छोड़कर देश को अपना परिवार बनाते हैं सैनिक
– सैनिक जीवन, उनका काम देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा
– देश के कवि वीर सैनिकों को नमन करते हैं
– माखनलाल चतुर्वेदी ने कहा था मुझे तोड़ लेना वनमाली…
– उस पथ पर देना तुम फेंक.. मातृभूमि पर शीश चढ़ाने..
– जिस पथ जाएं वीर अनेक
– रामधारी सिंह दिनकर ने लिखा, क़लम आज उनकी जय बोल
– ऐसे वीर पुरुषों को नमन करता हूं
– वन रैंक वन पेंशन की मांग कई वर्ष से थी
– OROP अनुशासन के साथ मांग रखी
– यूनियन की तरह फ़ौजिनों ने कोई लड़ाई नहीं की
– हर सरकार ने सैनिकों के इस मुद्दे पर सिर्फ़ वादा किया
– हमारी सरकार ने वन रैंक वन पेंशन का वादा पूरा किया
– चार किश्तों में सारी बकाया दे रहे हैं
– साढ़े 5 हज़ार करोड़ रुपया अब तक दे चुकी सरकार
– OROP से जवान रैंक वालों को 30% से ज़्यादा का फ़ायदा
– पूर्व सैनिकों को सातवें वेतन आयोग के ज़रिये डबल फ़ायदा
– फ़ौजियों की शिक़ायतों का समाधान तेज़ी से किया
– सिविलियन सोसायटी जवानी में सबकुछ जमा कर लेती है
– सैनिक अपनी जवानी सीमा पर खपा देता है
– 15-20 साल की नौकरी के बाद सैनिक नया जीवन शुरू करता है
– रिटायर होने वाले सैनिकों को स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग
– सरकार का बड़ा फ़ैसला अब सैनिक रिटायरमेंट के बाद ट्रेनर होगा
– 50 हज़ार सैनिक परिवारों को शादी-ब्याह में हर साल मदद
– सैनिकों के बच्चों को 5500 का वज़ीफ़ा
– हवलदार रैंक के सैनिकों को रिटायरमेंट के बाद आर्थिक मदद
– अब बेटी की शादी के लिए 50 हज़ार रुपयेकी मदद
– डिएबल्ड सैनिकों के लिए अलग से तीन कैटेगरी बनाई
– मेडिकल हेल्थ के लिए 472 नए अस्पताल पैनल में शामिल
– एमपी में 64 अस्पतालों को पैनल में शामिल किया
– हम भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं
– हमारे देश के नौजवानों में बहुत क़ाबिलियत है
– जल्द ही हमारा देश दुनिया की बड़ी ताक़त बनेगा
– अपनों को खोकर जीने वाले सैनिक परिवारों को नमन
– कई देशों में सार्वजनिक जगहों पर सैनिकों का ताली बजाकर स्वागत
– हमारे देश में भी फ़ौजियों के लिए सम्मान दिखना चाहिए
– फ़ौजियों को देखकर ताली बजाकर उनका सम्मान करें
– शौर्य स्मारक के ज़रिये हम नागरिकों को भी ट्रेन्ड कर पाएंगे
– शौर्य स्मारक सैनिकों के जीवन के लिए ओपन यूनिवर्सिटी

सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पहली बार बोले मोदी

– सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पहली बार मोदी ने कहा, “उस दिन रोज मेरे बाल नोंच लिए जाते थे कि मोदी सो रहा है, मोदी कुछ कर नहीं रहा है। लेकिन जैसे हमारी सेना बोलती नहीं, पराक्रम करती है। हमारे रक्षा मंत्री भी बोलते नहीं हैं।”
‘कश्मीर में पत्थरबाजी की जाती है लेकिन जवान जान बचाते हैं’
मोदी ने कहा,भारत के सैन्यबल मानवता की भी एक बहुत बड़ी मिसाल हैं। कहीं पर भी प्राकृतिक संकट आया हो।
– “कश्मीर में बाढ़ आई तो वहां मदद के लिए जवान मौजूद थे। लोग वहां जवानों पर पत्थर चलाते हैं। इससे चोट लगती है, कभी जान पर भी बन आती है लेकिन इससे बेखबर वे मदद करने में जुटे रहते हैं।

‘वन रैंक-वन पेंशन का वादा निभाया’

– मोदी ने कहा, “हमारे देश के जवान कई वर्षों से एक मांग कर रहे थे- वन रैंक-वन पेंशन। फौजी थे, डिसिप्लीन थे, देश पहला था, खुद बाद में थे। यूनियन वालों की तरह उन्होंने झगड़े नहीं किए। हर सरकार बहुत ही बढ़िया-बढ़िया शब्दों में वादे करती थी। ये सरकार आने के बाद हमने वादा किया था कि वन रैंक-वन पेंशन लागू करेंगे। आज मैं सिर झुकाकर कहता हूं कि ये वादा हमने पूरा कर दिया। चार किश्तों में भुगतान करेंगे। आर्थिक बोझ आएगा इसलिए एक साल में देना मुश्किल है। 5500 करोड़ रुपए वितरित हो चुके हैं। फाैजी के खाते में जमा हो चुके हैं।”
– “जो हवलदार, जिसने 17 साल फौज में काम किया और रिटायर हुआ, वन रैंक-वन पेंशन से पहले उसे 4090 रुपए मिलते थे। अब उसे 7600 रुपए मिलना शुरू हुआ। यानी 30 फीसदी से ज्यादा इजाफा हुआ।”
– ”सेवंथ पे कमीशन ने कहा कि छठे आयोग के वेतन को 2.57 गुना बढ़ाया जाए। भारत सरकार यह कर सकती थी। लेकिन हमने ऐसा नहीं किया। हमने कहा कि सिक्स्थ पे कमीशन के आधार पर रिटायर लोगों को पेंशन देंगे तो कम फायदा होगा। वन रैंक-वन पेंशन के आधार पर ही सेवंथ पे कमीशन की सिफारिशों को गिनाया जाए।”

‘हमारे सोने से जवानों को सबसे ज्यादा खुशी होती है’

मोदी ने कहा,”हम चैन की नींद सो जाएं, इससे हमारे देश की सेना को सबसे ज्यादा खुशी मिलती है। हम चैन की नींद सो जाएं, उसे संतोष होता है। हमारे सोने पर उसे शिकायत नहीं होती। जागने वक्त भी सो जाएं तो सेना हमें माफ नहीं करती। दुर्भाग्य यह है कि हम कभी-कभी जागने के वक्त भी सोए पाए जाते हैं। संस्कृत में कहा है कि राष्ट्रयाम, जागृयाम, वयम्। सतत जागते रहो। और सिर्फ सेना के जवान जागते रहें, ये तो उनके साथ अन्याय होगा। हमें भी जागने के समय तो जागना ही चाहिए। उस समय सोने का हमें हक नहीं।”

‘हर कलम ने किया जवानों का सम्मान’

– मोदी ने कहा, “‘हमारे देश के सभी गणमान्य कवि, उनकी कलम। ऐसी कोई कलम नहीं होगी जिसने देश के वीर-जवानों को सम्मान न दिया हो। माखनलालजी की एक कविता पढ़ी थी, मुझे तोड़ लेना वनमाली, उस पथ पर देना तुम फेंक, मातृभूमि पर शीष चढ़ाने, जिस पथ पर जाएं वीर अनेक। रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता इस मौके पर सटीक बैठती है- कलम, आज उनकी जय बोल, जला अस्थियां बारी-बारी चिटकाई जिनमें चिंगारियां, जो चढ़ गए पुण्यवेदी पर, लिए बिना गर्दन का मोल, वो चढ़ गए पुण्यवेदी पर।”

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