थम नहीं रहा शिक्षामित्रों का विरोध, बीएसए ऑफिस का किया घेराव, अर्द्धनग्न होकर प्रदर्शन

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मथुरा। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ का धरना-प्रदर्शन सोमवार को छठे दिन भी पूरे प्रदेश में जारी रहा। शिक्षामित्रों ने बीएसए ऑफिस का घेराव किया। वहीं समायोजन रद्द होने से दुखी मथुरा के शिक्षामित्रों ने अर्द्धनग्न प्रदर्शन कर सरकार के प्रति विरोध जताया।

शिक्षामित्रों का कहना है कि मौखिक दबाव से हम नहीं झुकेंगे। लिखित आदेश के बाद धरना प्रदर्शन स्थगित होगा। उपस्थित शिक्षामित्रों एकजुट होकर आगे आने की अपील की। उधर, आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के तत्वावधान में आयोजित धरना में वक्ताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया तो वह संघर्ष करने को विवश होंगे।

शिक्षामित्रों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनका बतौर शिक्षक समायोजन रद्द किए जाने के बाद सरकार से उनके हित में निर्णय लेने की मांग की। इस पर अनुप्रिया पटेल ने कहा कि सरकार समायोजित शिक्षकों के भविष्य को लेकर गंभीर है।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय पर सरकार द्वारा विचार विमर्श किया जा रहा है। सरकार समायोजित शिक्षकों का नुकसान नहीं होने देगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि जिले के समायोजित शिक्षकों की समस्याओं को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तक पहुंचाकर समस्या के समाधान का प्रयास करेंगी।

तब तक समायोजित शिक्षक धरना-प्रदर्शन को समाप्त करें। केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याणमंत्री ने कहा कि सरकार समायोजित शिक्षकों के साथ खड़ी है, सरकार द्वारा उचित निर्णय लेने तक धैर्य रखें।

 कुछ ही दिन पहले मथुरा में गुस्साए शिक्षामित्रों ने ट्रेन रोकने का प्रयास किया था
कोर्ट के फैसले से गुस्साए शिक्षामित्रों ने कुछ दिन पहलेट्रेन रोकने का प्रयास किया था। हालांकि, प्रशासन का दावा है कि उसने पहले ही उन्हें रोक लिया। सैकड़ों की संख्या में शिक्षामित्रों ने मथुरा छावनी स्टेशन पर पहुंचकर कासगंज जाने वाली पैसेंजर गाड़ी रोकने का प्रयास किया। पुलिस ने उन्हें पहले ही रोक लिया। बाद में शिक्षामित्रों ने बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय पहुंच कर वहां ताला डाल दिया और काफी देर तक सरकार के विरुद्ध नारेबाजी करते रहे। अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) श्रवण कुमार सिंह ने बताया, ‘शिक्षामित्रों को शहर में कहीं भी शांति व्यवस्था भंग करने का कोई मौका नहीं दिया गया है।’ उन्होंने कहा कि फिलहाल कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। स्थिति पूरी तरह शांत एवं नियंत्रण में है।

क्या हैं शिक्षामत्रों की मांगें?
शिक्षामित्रों की मांग है कि सरकार इस मामले में न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दाखिल करे या फिर मामले की सुनवाई संविधान पीठ से करवाने का प्रयास करे। उनका कहना है कि आम शिक्षकों के समान ही कार्य करने वाले शिक्षामित्रों के मामले में समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग को सरकार स्वीकार करे। 

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