लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव द्वारा पार्टी में मचे घमासान को खत्म करने के लिए सोमवार को यहां बुलाई गई बैठक का आगाज और खात्मा तू-तू, मैं-मैं और आरोप-प्रत्यारोप से हुआ। आज भी दिनभर बैठकों का दौर चलता रहा। सुलह की कोशिशों के बीच सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने शाम साढ़े पांच बजे एक और बैठक बुलाई थी। इससे पहले सीएम अखिलेश यादव ने विधायकों के साथ बैठक की। खबरों के मुताबिक उधर सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने भी विधायकों के साथ बैठक की। देर शाम मुलायम सिंह के दांत में दर्द होने की खबर आई और उनको डॉक्टर ने आराम की सलाह दी। इसी बीच शिवपाल यादव और अखिलेश एक ही गाड़ी में सवार होकर मुलायम सिंह से मिलने उनके आवास गए।
इसस पहले दिन में हुई पार्टी की संयुक्त बैठक के दौरान मुलायम सिंह यादव, उनके मुख्यमंत्री पुत्र अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल सिंह यादव तीनों भावुक हुए। उन्होंने अपने मन की बात भी मंच से बहुतेरी कही। तीनों ने अपने-अपने मन की गुबार जमकर निकाली। मुलायम ने अखिलेश को खूब नसीहतें दी और शिवपाल ने अर्से से दबाकर रखी एक-एक बात सार्वजनिक कर दी।
शिवपाल ने अखिलेश पर किया सीधा वार, बोले-क्यों छीने मेरे विभाग
अपने भाषण के बाद सपा मुखिया के कहने पर उनके भाई शिवपाल और बेटे अखिलेश ने एक दूसरे को गले लगाया। शिवपाल ने अखिलेश को जन्मदिन की बधाई भी दी, लेकिन यह सुलह समझौता थोड़ी ही देर तक कायम रहा। अखिलेश ने मंच से जब यह कहा कि एक अंग्रेजी अखबार में उनको औरंगजेब तक कहा गया, तो शिवपाल ने अपने भतीजे पर तत्काल झूठ बोलने की तोहमत मढ़ दी। इसे लेकर चाचा भतीजे में नोकझोंक हुई और जबरदस्त हंगामें और नारेबाजी के बीच बैठक खत्म हो गयी।
बैठक के तुरंत बाद सपा मुखिया ने भाई और बेटे को विक्रमादित्य मार्ग स्थित अपने आवास पर बुलाया और उनसे बातचीत की। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा कल बुलायी गई पार्टी विधायकों की बैठक के बाद आज सपा मुखिया द्वारा आहूत बैठक इस बैठक का कुल मिलाकर लुब्बोलुआब यह रहा कि सुबह बैठक शुरु होने तक ऐन पहले निश्चित लग रहा पार्टी का दो फाड़ होना फिलहाल टल सा गया नजर आने लगा है।
इससे पहले मुलायम सिंह यादव ने भाषण के दौरान कई बार अखिलेश यादव और उनके समर्थकों को डांटा। यादव ने कहा कि चापलूसों से घिरे रहने वाला और आलोचना नहीं सुनने वाला कभी नेता नहीं बन सकता। बीच में टोका टोकी करने वाले अखिलेश समर्थक एक युवक को उन्होंने मंच से ही जबरदस्त फटकार लगायी।
सपाध्यक्ष ने कहा पार्टी बनाने के लिए बहुत संघर्ष किया। लाठियां खाईं। जो उछल रहे हैं एक लाठी नहीं झेल पायेंगे। मैने गरीबों और किसानों के लिए संघर्ष किया। आलोचना सही है तो सुधार करो। वर्ना 20 सीटों पर पता नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि पार्टी में अब जो हो रहा है उससे मैं दुखी हूं। तीन बार उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री रहा और देश का रक्षामंत्री। प्रधानमंत्री बन सकता था, लेकिन सिद्धान्तों से समझौता नहीं किया। आपातकाल में हम मीसा में बन्द थे। फांसी या उम्रकैद हो सकती थी। शिवपाल अंधेरी रात में आता था और खिड़की से झांककर जाता था।
नेताजी कहें तो मैं इस्तीफा दे दूंगा, कह कर रोने लगे अखिलेश
यादव ने कहा मुझे भी राजनीतिक समझ है। कमी दूर करने की बजाए आपस में लड़ने लगे। मेरे एक इशारे पर नौजवान खड़े हो सकते हैं। मैं अभी कमजोर नहीं हुआ हूं। चापलूसों को पसन्द नहीं करता हूं। शिवपाल आम जनता के नेता हैं। उन्होंने मेरे साथ संघर्ष किया है। समाजवादी पार्टी टूट नहीं सकती। मैं शिवपाल के कामों को कभी नहीं भूल सकता।
अपने मुख्यमंत्री पुत्र को नसीहत देते हुये सपा संस्थापक ने कहा कि तुम्हारी हैसियत क्या है। क्या अकेले चुनाव जीत सकते हो। लाल टोपी पहनने से कोई समाजवादी नहीं बन जाता। मैं और शिवपाल कभी अलग नहीं हो सकते। शिवपाल के कामों को कभी नहीं भूल सकता। शिवपाल ने हमारा साथ दिया है। पार्टी बनाने में मदद की है। यादव ने कहा कि प्रजापति को तुमने अपमानित किया है। सपा ने छोटी-छोटी जातियों को सम्मान दिया। मैने लोहियाजी के साथ काम किया है। लोहिया जी कहते थे कि कमजोरों के 100 खून माफ हैं।
पार्टी महासचिव अमर सिंह का बचाव करते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा कि तुमने अमर सिंह को गाली दी। अमर सिंह ने हमारी बहुत मदद की। अमर सिंह मेरा भाई है। अमर सिंह ने मुझे जेल जाने से बचाया। कौन कहां मिला, कैसे मिला, क्यों मिला, किससे मिला क्या मैं बताऊं। यादव ने कहा कि उनके एक इशारे पर नौजवान खड़े हो सकते हैं। नारेबाजी लगाने वालों को बाहर करेंगे। यह मीटिंग शिवपाल या अखिलेश ने नहीं उन्होने बुलायी है। कोई किसी से नाराज है रहे, लेकिन संकल्प लेकर जाना है कि सरकार फिर बनानी है।
इसके पहले सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने अखिलेश यादव पर पार्टी से अलग होकर नया दल बनाने का आरोप लगाया। शिवपाल ने कहा, मैं अपने एकलौते बेटे और हाथ में गंगाजल लेकर कसम खाने को तैयार हूं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुझसे सपा से अलग होकर नया दल बनाने की बात कही थी।” शिवपाल ने कहा कि हम साइकिल चला चला कर गांव जाते थे। इमरजेंसी के दौरान हमने काम किया और पार्टी बनाने और उसे मजबूत करने में नेताजी का साथ दिया। उस समय गाड़ियां कम होती थी। हमने नेताजी के साथ साइकिल चलाई। गांव गांव में टोलियां बनवाई। क्या पार्टी बनाने में हमारा कोई योगदान नहीं।
उधर, बैठक की शुरूआत में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने संबोधन के दौरान भावुक होकर रो पडे। मुख्यमंत्री ने कहा, नेता जी (मुलायम सिंह यादव) पार्टी का पर्याय है। वह मुझे हटाना चाहें तो हटा दें, लेकिन साजिश करने वालों को बेनकाब किया ही जाना चाहिए। नेताजी ने ही अन्याय के सामने खड़ा होना सिखाया है। नेताजी मेरे पिता और गुरु दोनों हैं। मैं उनके आदेशों की अवहेलना क्यों करूंगा। नेताजी ने मुझे मुख्यमंत्री बनाया।
अखिलेश ने कहा कि नेताजी अन्याय के सामने आप ने खड़े होना सिखाया। पार्टी में लगातार साजिश हो रही है तो मैं कैसे बर्दाश्त करता। बाहर के लोग परिवार तोड़ने में लगे हैं। नेता जी की हर योजना को मैने लागू किया। नेताजी कहें तो मैं इस्तीफा देने को भी तैयार हूं। उन्होंने कहा कि राम गोपाल के कहने से किसी मंत्री को नहीं बर्खास्त किया। बहुत सारे लोग परिवार में मतभेद पैदा कर रहे हैं। वह रथयात्रा भी चलायेंगे और स्थापना दिवस भी मनायेंगे। सीमा से बाहर आकर यदि मैने कोई बात कही हो तो माफ कर दीजियेगा।
मंच पर मुलायम के एक बयान ने बदल दिया पूरा नजारा
मुलायम सिंह यादव के एक खुलासे पर सीएम अखिलेश यादव ऐसे खफा हुए कि मंच पर पल भर पहले बना सौहार्दपूर्ण माहौल तल्खी में बदल गया और अखिलेश व शिवपाल के नोकझोंक से लेकर तक धक्का-मुक्की तक हो गई। तब सुरक्षा कर्मियों ने आकर हालात संभालने की कोशिश की।
मुलायम ने जब यह कहा कि अखिलेश सरकार संभालें और शिवपाल संगठन और अगली बार फिर सपा की सरकार बनाने में जुटना है तो माहौल हल्का हो गया। मुलायम ने कहा कि अखिलेश चाचा से गले मिलो। दोनों गले मिले। अखिलेश ने भावुक होकर कहा कि आप लोग मेरा जन्मदिवस ही भूल गए। बधाई तो दीजिए, मुलायम व शिवपाल ने अखिलेश को बधाई दी।
अखिलेश ने पहले मुलायम के पैर छुए और शिवपाल के पैर छूने आगे बढ़े…और पैर छुए। अखिलेश ने कहा कि उम्मीद है कि अब साजिश नहीं होगी कह कर मामले को खत्म करने की कोशिश की। तभी मुलायम ने कहा कि सुनो अखिलेश, मुसलमानों को मैंने जोड़ा है। हम और शिवपाल क्षेत्र में निकल गए तो 70 प्रतिशत मुसलमान हमारे साथ आ जाएंगे।
मुसलमानों को सम्मान देना होगा। एक नेता ने मुझे कहा कि आपका बेटा चाहता है कि मुसलमान सपा से हट जाए। कई मुस्लिम नेता पार्टी से खुश नहीं हैं। बस यहीं से पूरी बात पलट गई। अखिलेश बोले, बताईए किसने मेरे बारे में ऐसा कहा है। …….सामने बैठे एमएलसी आशु मलिक को देखते हुए…अखिलेश ने नाराजगी भरे स्वर में कहा कि इन्होंने ही अमर सिंह के कहने पर मेरे खिलाफ एक अंग्रेजी अखबार में खबर छपवाई कि मैं औरंगजेब और नेता जी शाहजहां हैं। …शिवपाल की ओर देखते हुए अखिलेश ने कहा कि आप अमर सिंह से मिलकर मेरे बारे में झूठी खबरे चलवाते हो।
इस पर शिवपाल ने अखिलेश से माइक छीनकर कहा- क्यों झूठ बोलते हो? इसके बाद दोनों के बीच नोकझोंक और धक्का-मुक्की हुई। तभी वहां आशु मलिक पहुंच गए और सीएम को रोकने के लिए आगे बढ़े और उनसे माइक छीनने की कोशिश की। तभी अखिलेश से शिवपाल ने माइक छीन लिया। इस चक्कर में माइक टूट गया।
धक्का-मुक्की हो गई। सिक्युरिटी अफसरों ने आशु मलिक को धक्का देकर अखिलेश से दूर किया। अखिलेश जबरदस्ती माइक लेकर बोले, अमर सिंह के कहने पर आशु मलिक ने मेरे खिलाफ छपवाया था। तभी शिवपाल ने माइक छीन लिया…ये बात पूरी तरह से गलत है, इसमें कोई सच्चाई नहीं है। मुलायम ने माइक से अखिलेश को हटाया।