चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने दुनिया भर में साइबर सिटी के नाम से मशहूर गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम कर दिया है। राज्य के सबसे पिछड़े जिले के रूप में प्रचारित हो रहे मेवात जिले का नाम भी बदला गया है। मेवात जिले का नाम अब नूंह होगा। गुड़गांव का नाम बदले जाने पर नया विवाद छिड़ने की संभावना है और विपक्ष की इस पर भृकुटी तन सकती है।
हरियाण सरकार ने यह निर्णय मंगलवार शाम लिया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दोनों जिलों के नाम बदलने के प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान कर दी है। गुड़गांव और मेवात जिलों के जिला उपायुक्तों (डीसी) की तरफ से राज्य सरकार के पास इन जिलों के नाम बदलने के प्रस्ताव आए थे। इनको व्यापक विचार विमर्श के बाद मंजूरी प्रदान कर दी गई है। प्रदेश सरकार पहने ही यमुनानगर जिले के मुस्तफाबाद का नाम बदलकर सरस्वती नगर कर चुकी है।
हरियाणा सरकार द्वारा शहरों व जिलों के नाम बदलने का यह दूसरा फैसला है। मेवात जिला जब अस्तित्व में आया था, तो तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने इसका नाम सत्यमेवपुरम रखा था, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इसे बदलकर दोबारा फिर मेवात कर दिया था। इसी तरह, गुड़गांव बनने से इसका प्राचीन नाम गुरुग्राम था, जिसे इस सरकार ने मंजूर प्रदान कर नया विवाद छेड़ दिया है।
कैबिनेट और केंद्र की मंजूरी के बाद लिखे जाएंगे गुरुग्राम और नूंह के नाम
हरियाणा सरकार द्वारा गुडगांव और मेवात का नाम बदल दिए जाने के बाद अब इस प्रस्ताव पर कैबिनेट की मोहर लगेगी। कैबिनेट की मोहर लगने के बाद गुड़गांव और मेवात का नाम बदले जाने संबंधी प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास जाएगा। तब जाकर दोनों जिलों के नामों में वैधानिक रुप से बदलाव हो सकेगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हाल फिलहाल दोनों जिलों से आए नाम बदलने के प्रस्तावों को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की है। मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि इस प्रस्ताव पर अभी कैबिनेट में भी चर्चा की जानी है। कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही इसे केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। इस कार्य में किसी तरह का कोई व्यवधान होने की कोई आशंका नहीं है और तमाम औपचारिकताओं को जल्द पूरा किया जायेगा।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा के गलियारों में इन जिलों के नाम बदलने की सराहना हो रही है, जबकि राजनीतिक स्तर पर भाजपा सरकार के इस प्रयास का विरोध हो सकता है।