नई दिल्ली : वीआईपी और वीवीआईपी कल्चर को खत्म करने के तहत केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बड़ा फैसला लिया है. मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन की सिफारिश करते हुए मोदी कैबिनेट ने कहा है कि आगामी 1 मई से देश में आपातकालीन सेवा और कुछ अतिविशिष्ट लोगों को छोड़कर कोई भी लालबत्ती लगे वाहनों का प्रयोग नहीं कर सकेगा.
आपातकालीन सेवा, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और लोकसभा के अध्यक्ष को इस दायरे से बाहर रखा गया है. कैबिनेट की सिफारिश के मुताबिक, लालबत्ती पर लगाई जाने वाली यह रोक सभी केंद्रीय मंत्रियों, मुख्य मंत्रियों, राज्य सरकार के मंत्रियों, नौकरशाहों, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों पर लागू होगा.
मालूम हो कि मोदी कैबिनेट की इस सिफारिश से पहले दो राज्यों उत्तर प्रदेश और पंजाब के मुख्यमंत्रियों योगी आदित्यनाथ और कैप्टन अमरिंदर सिंह एक सप्ताह पहले ही सूबे में किसी भी सरकारी वाहनों पर लालबत्ती नहीं लगाने का आदेश जारी कर चुके हैं.
इन श्रेणियां को मिलेगी छूट :
केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में एक आदेश जारी किया गया है.
- बता दें कि इस आदेश के तहत देश भर में सभी राजनेताओं को वीआईपी कल्चर ना अपनाने को कहा गया है.
- आपको बता दें कि आज से पहले देश भर में सभी नेता अपनी-अपनी गाड़ियों पर लाल बत्ती लगाते आये हैं.
- जिसके बाद अब यह कल्चर केंद्र सरकार द्वारा ख़त्म कर दिया गया है जिसके बाद कोई भी नेता इसे अपना नहीं सकेगा.
- साथ ही यदि कोई नेता इसे अपनाने की कोशिश करता है तो उसे सज़ा भी हो सकती है.
- गौरतलब है कि इस नियम को आगामी एक मई से लागू किया जाना है.
- हालाँकि इस श्रेणी से प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति व उच्चतम न्यायालय के चीफ जस्टिस को दूर रखा गया है.
- आपको बता दें कि इस कल्चर को ख़त्म करने की शुरूआत पंजाब के नवनिर्वाचित सीएम कैप्टेन अमरिंदर सिंह द्वारा की गयी है.
- देश में यह नियम लागू होने से पहले पंजाब में कांग्रेस नेताओं द्वारा इसे अपनाया जा चुका है.
- जिसके बाद कई राजनैतिक व गैरराजनैतिक लोगों द्वारा इस कल्चर को हटाने की मांग की गयी थी.
- जिसके बाद अब केंद्र सरकार द्वारा इस कल्चर को हटाने का फैसला किया गया है.
- आपको बता दें कि यह नियम एक मई से लागू होगा जिसके बाद कोइ भी नेता अपनी गाड़ी पर लाल बत्ती नहीं लगा सकेगा.
- केंद्र सरकार के इस आदेश का देश के कई राजनेताओं व समुदायों ने स्वागत किया है.
- – नितिन गडकरी ने कहा है कि 1 मई से लाल बत्ती का इस्तेमाल सिर्फ इमरजेंसी सर्विस व्हीकल्स पर ही किया जाएगा।
- – गडकरी लाल बत्ती छोड़ने वाले मोदी कैबिनेट के पहले मंत्री हैं। उन्होंने बुधवार को अपनी सरकार गाड़ी से लाल बत्ती निकलवाने के बाद ही इस फैसले की जानकारी दी।
- – इस बारे में उन्होंने कहा, “यह सरकार आम आदमी की सरकार है, जिसने फैसला किया गया है कि लाल बत्ती और सायरन के इस्तेमाल वाला वीआईपी कल्चर खत्म किया जाए।”
- – बताया जा रहा है कि लाल बत्ती का इस्तेमाल खत्म करने के लिए रोड एंड ट्रांसपोर्ट मिनिस्टरी काफी वक्त से काम कर रही थी।
- – पीएमओ में यह मामला करीब डेढ़ साल से पेंडिंग था। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए पीएमओ ने एक मीटिंग भी की थी, जिसमें कई बड़े ऑफिसर्स से बात की थी।
- – फैसला कैसे लागू किया जाए इस पर ट्रांसपोर्ट मिनिस्टरी ने अपनी अोर से पांच ऑप्शन दिए थे।
- क्या थे ऑप्शन?
- – ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने पीएमओ को जो ऑप्शन दिए उनमें पहला यह था कि लाल बत्ती का इस्तेमाल सभी के लिए बंद कर दिया जाए।
- – दूसरा यह कि प्रेसिडेंट, वाइस प्रेसिडेंट, पीएम और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और लोकसभा स्पीकर को इसकी इजाजत दी जाए।
- – पंजाब में हाल ही में बनी कांग्रेस सरकार ने लाल बत्ती का इस्तेमाल पूरी तरह बैन कर दिया है।
- – सीएम अमरिंदर सिंह ने अपनी पहली ही कैबिनेट मीटिंग में यह फैसला किया था।
- – इसके तहत राज्य का कोई भी अफसर, मंत्री या विधायक अपनी गाड़ी पर लाल बत्ती नहीं लगा सकेगा।
- – बता दें कि पंजाब असेंबली इलेक्शन से पहले आम आदमी पार्टी ने भी वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बनी तो वो लाल बत्ती कल्चर खत्म कर देंगे।