लखनऊ (छविनाथ यादव) बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की मुखिया मायावती ने सोमवार को एक बड़ी कार्रवाई के तहत राजस्थान की पूरी बीएसपी कार्यकारिणी को भंग कर दिया। अभी हाल में वहां बीएसपी के छह विधायकों ने एक झटके में पाला बदला था और कांग्रेस में शामिल हो गए थे। दलबदल के इस बड़े घटनाक्रम के बाद मायावती ने पूरी प्रदेश कार्यकारिणी को भंग करने का फैसला किया है। पार्टी की ओर से सोमवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है, बसपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के निर्देशों के आधार पर राजस्थान राज्य में पार्टी की कार्यकारिणी भंग कर दी गई है। कांग्रेस को समर्थन देने के बावजूद अभी कुछ दिन पूर्व बसपा के सभी छह विधायकों का कांग्रेस में चले जाने के बाद मायावती ने कांग्रेस को धोखेबाज पार्टी कहा था। मायावती ने ट्वीट कर कहा किराजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने एक बार फिर बीएसपी के विधायकों को तोड़कर गैर-भरोसेमन्द व धोखेबाज पार्टी होने का प्रमाण दिया है। यह बीएसपी मूवमेन्ट के साथ विश्वासघात है जो दोबारा तब किया गया है। जब बीएसपी वहां कांग्रेस सरकार को बाहर से बिना शर्त समर्थन दे रही थी। कांग्रेस अपनी कटु विरोधी पार्टी, संगठनों से लडऩे के बजाए हर जगह उन पार्टियों को ही सदा आघात पहुंचाने का काम करती है जो उन्हें समर्थन देते हैं। कांग्रेस इस प्रकार एससी, एसटी, ओबीसी विरोधी पार्टी है तथा इन वर्गों के आरक्षण के हक के प्रति कभी गंभीर व ईमानदार नहीं रही है। उन्होंने कहा, कांग्रेस हमेशा ही बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर व उनकी मानवतावादी विचारधारा की विरोधी रही। इसी कारण डॉ. अम्बेडकर को देश के पहले कानून मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। कांग्रेस ने उन्हें न तो कभी लोकसभा में चुनकर जाने दिया और न ही भारत रत्न से सम्मानित किया। अति-दु:खद व शर्मनाक।