मथुरा: चर्चित जवाहरबाग कांड का मुख्य आरोपी रामवृक्ष यादव अपने दाहिने हाथ चंदन बोस और अन्य साथियों के साथ मारा गया है। मथुरा स्थित पोस्टमार्टम हाउस में रखे 22 लावारिस शवों में इन दोनों के शव भी शामिल बताए गए हैं। पुलिस ने रामवृक्ष के साथियों को जेल से लाकर इनकी शिनाख्त कराई। डीजीपी जावीद अहमद ने ट्वीट कर इसकी पुष्टि की है।
कुछ और शवों की भी हुई शिनाख्त
डीजीपी ने बताया कि और 3 – 4 शवों की शिनाख्त हुई है, जिसमें एक कुशीनगर का रहने वाला है। जबकि एक बिहार के बेतिया का निवासी है। इनके घरवालों को भी पुलिस ने सूचित कर दिया है।
डीजीपी ने ट्वीट कर दी जानकारी
डीजीपी ने कहा कि कई शवों की पहचान की गई है। इसमें रामवृक्ष यादव के साथियों ने उसके शव की पहचान की है। गाजीपुर में उसके परिवार के लोगों को सूचना दे दी गई है।
-आईजी कानून व्यवस्था हरिराम शर्मा ने बताया, कि ऑपरेशन के पहले दिन ही पुलिस द्वारा बरामद शवों में एक रामवृक्ष यादव का है।
-उसकी शिनाख्त उसके साथ के लोगों ने की।
-शव बुरी तरह से जल गया है। इसलिए उसकी मौत किस तरह हुई इस बात की पुष्टि नहीं हुई है।
-पोस्टमार्टम (पीएम) रिपोर्ट के आधार पर ही उसकी मौत के कारणों का खुलासा हो पाएगा।
-फ़िलहाल पुलिस रामवृक्ष के शव का फॉरेंसिक और डीएनए टेस्ट करवा रही है जिससे शिनाख्त की वैज्ञानिक पुष्टि पाएगी।
हिंसा के दौरान दो पुलिसवाले हुए थे शहीद
-मथुरा के जवाहरबाग गुरुवार को सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने गई पुलिस टीम पर उपद्रवियों ने फायरिंग कर दी थी।
-इस फायरिंग में एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और एसओ संतोष कुमार यादव समेत 24 लोगों को मौत हो गई थी। साथ ही कई पुलिसकर्मी घायल भी हो गए थे।
-हिंसा के बाद घटनास्थल से 315 बोर के 45 हथियार और दो 12 बोर के हथियार बरामद किए गए।
-कार्रवाई के दौरान पुलिस ने 47 पिस्टल और पांच राइफल भी बरामद की थी।
-अब इसी हिंसा के दौरान इस मामले के मास्टरमाइंट रामवृक्ष यादव के मारे जाने की भी पुष्टि हो गई है।
मौत पर था सस्पेंस बरकरार
जवाहर बाग में हुई हिंसा का मुख्य आरोपी रामवृक्ष यादव को लेकर सस्पेंस बरकरार था। घटना के बाद वह कहां गायब हो गया था किसी को इसकी खबर नहीं थी। आशंका जाहिर की जा रही थी कि फायरिंग या आग में जलकर उसकी भी मौत हो चुकी है।
-पुलिस को इस बात की भी आशंका थी कि रामवृक्ष के मारे जाने या फिर जख्मी होने के बाद उसके साथी उसे किसी सुरक्षित जगह पर लेकर गए हैं।
-इसी आशंका के चलते पुलिस अलग अलग हॉस्पिटलों में भी सर्च ऑपरेशन चला रही थी।
-क्योंकि जख्मी होने की हालत में वो किसी हॉस्पिटल में इलाज के लिए भी जा सकता है।
कौन है रामवृक्ष यादव
-रामवृक्ष गाजीपुर के मरदह ब्लॉक के रायपुर ‘बाघपुर’ गांव का रहने वाला था।
-इमरजेंसी के दौरान 1975 में जेल में बंद भी रहा था।
-रामवृक्ष यादव को मीसा (लोकतंत्र रक्षक सेनानी ) के बंदी होने के चलते सपा सरकार की ओर से 15000 रुपए महीना पेंशन दिया जाता था।
-वह दो वर्ष पहले अपने परिवार को गाजीपुर से मथुरा लेकर चला गया था।
-हाई स्कूल और इंटर पी.एन. इंटर काॅलेज मरदह गाजीपुर, ग्रेजुएशन डी.सी.एस.के. पी.जी. कालेज मऊ से।
-रामवृ्क्ष यादव 1984 में निर्दलीय लोकसभा का चुनाव लड़ा और हार गया उसे 3234 वोट मिले थे।
-दूरदर्शी पार्टी से गाजीपुर के जहूराबाद से विधानसभा का चुनाव लड़ा और हार गया था।
-बाद में ख़ुद का राजनैतिक संगठन बना लिया जिसका नाम था “स्वाधीन भारत” हार गया था।
-बाद में ख़ुद का राजनैतिक संगठन बना लिया जिसका नाम था “स्वाधीन भारत”