भोपाल। कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार को गिरे अभी 24 घंटे भी नहीं हुए और इधर मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ऐलान कर दिया कि बीजेपी के दो विधायक कांग्रेस के साथ हैं. नारायण त्रिपाठी और शरद कौल नाम के इन दोनों बीजेपी विधायकों ने कांग्रेस में जाने की बात की पुष्टि कर दी है. मध्य प्रदेश के इस बड़े घटनाक्रम पर लोग यह कहते सुने जा रहे हैं कि कांग्रेस ने महज 24 घंटे में कर्नाटक का बदला ले लिया है. जो बीजेपी पहले कमलनाथ सरकार गिराने का दम भर रही थी, अब उसी के विधायक विरोधी खेमे में ताल ठोक रहे हैं.
कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिरने के बाद मध्यप्रदेश में सियासी उठापठक का दौर शुरू हो गया है। कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को पछाड़ने वाली बीजेपी को मध्य प्रदेश में बड़ा झटका लगा है। उसके दो विधायक बागी हो गए हैं। कमलनाथ सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किए क्रिमिनल लॉ संशोधन बिल पर बीजेपी के दो विधायकों ने बुधवार को राज्य सरकार का साथ दिया। माना जा रहा है कि बागी विधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कौल कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, नारायण त्रिपाठी और शरद कौल को कांग्रेस द्वारा अज्ञात जगह पर भेजा दिया गया है और दोनों विधायक बुधवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ रात में डिनर में शामिल होंगे। गौरतलब है कि 231 सीटों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के पास 114 सीटे हैं। उसे बसपा (2), सपा (1) और निर्दलीय (4) विधायकों का भी समर्थन हासिल है। वहीं बीजेपी के पास 108 सीट हैं।
बीजेपी विधायकों केसरकार के पक्ष में वोट करने पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, ‘बीजेपी कहती है कि हम अल्पसंख्यक सरकार हैं और किसी भी दिन गिर सकते हैं। आज विधानसभा में (आपराधिक कानून संशोधन पर) भाजपा के दो विधायकों ने हमारी सरकार के पक्ष में मतदान किया।’
कमलनाथ ने कहा, ‘नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि हमें निर्देश मिल जाए, फौरन सरकार गिर जाएगी। मैंने उन्हें आमंत्रित किया कि विश्वास प्रस्ताव आज ही हो जाए। उन्होंने स्वीकार नहीं किया। ये बात एक बार सिद्ध करनी थी, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। आज जो मतदान हुआ है, वो सिर्फ एक विधेयक पर नहीं है, ये मतदान बहुमत सिद्ध करने का है। इस मतदान में बीजेपी में भारतीय जनता पार्टी के 2 सदस्य नारायण भाई और शरद भाई ने कांग्रेस सरकार का साथ दिया है। हमारी सरकार बहुमत की सरकार है।’
इससे पहले मंगलवार को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘हम यहां की सरकार के गिरने का कारण नहीं बनेंगे। कांग्रेस के नेता स्वयं अपनी सरकारों के पतन के लिए जिम्मेदार हैं। कांग्रेस में एक आंतरिक संघर्ष है, और बीएसपी-एसपी का समर्थन है, अगर ऐसा कुछ होता है तो हम कुछ नहीं कर सकते।’