नई दिल्ली: लोकसभा में सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस पार्टी के सांसदों ने भीड़ की हिंसा मुद्दे पर जमकर हंगामा किया. गोरक्षा और मॉब लिनचिंग के नाम पर सरकार को घेरने में जुटी कांग्रेस को दोहरे वार झेलने पड़े। सत्तापक्ष ने बोफोर्स के मामले को फिर से उठाकर कांग्रेस पर पलटवार किया, वही लोकसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस के 6 सदस्यों को निलंबित कर दिया। सत्तापक्ष के दो सदस्यों ने शून्यकाल में बोफोर्स की फिर से जांच की मांग की।
“सभा में सोमवार को कांग्रेस, वाम दलों और कुछ विपक्षी सांसदों ने देश में गोरक्षा के नाम पर लोगों की पीट-पीट कर हत्या किए जाने की घटनाओं का मुद्दा उठाया और जमकर हंगामा किया।”
ये 6 सांसद सस्पेंड
इस बीच वेल में नारे लगा रहे कांग्रेस के सदस्यों ने कागज फाड़कर आसन पर उछाले। इससे नाराज अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस के छह सांसदों को उनके अनुचित व्यवहार के लिए पांच बैठकों से निलंबित कर दिया। जिन सांसदों को निलंबित किया गया है, उनमें
- गौरव गोगोई,
- अधीर रंजन चौधरी,
- रंजीत रंजन,
- सुष्मिता देव,
- एमके राघव,
- के. सुरेश
शामिल हैं। इसके बाद हुए हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही नही चल पाई और उसे मंगलवार तक स्थगित कर दिया गया।
लेखी ने दिया जवाब
लोकसभा में सोमवार को कांग्रेस, वाम दलों और कुछ विपक्षी सांसदों ने देश में गोरक्षा के नाम पर लोगों की पीट-पीट कर हत्या किए जाने की घटनाओं का मुद्दा उठाया और जमकर हंगामा किया। जवाब में भाजपा ने बोफोर्स के जिन्न को बोतल से बाहर निकालकर कांग्रेस को बैकफुट पर धकेलने की रणनीति अपनाई। भाजपा की ओर से मोर्चा मीनाक्षी लेखी ने संभाला। टीवी चैनलों को हवाला देते हुए बोफोर्स मामले की फिर से जांच की मांग की।
सोनिया गांधी और राहुल भी थे मौजूद
इसके पहले सुबह सदन की बैठक शुरू होते ही कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सदस्य आसन के सामने आकर गोरक्षा के नाम पर हमलों और कथित हत्याओं पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार से आवश्यक कदम उठाने की मांग करने लगे। कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि यह राष्ट्रीय महत्व का विषय है। उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र की हत्या हो रही है और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सदन में उपस्थित थीं। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी प्रश्नकाल के बीच सदन में पहुंचे।