नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक का विज्ञान भवन में ऑनलाइन शिलान्यास किया. उन्होंने इसके शिलान्यास के साथ कांग्रेस का बिना नाम लिये उसकी सरकार की कटु आलोचना की और कहा कि मैं आंबेडकर का भक्त हूं और सत्ता में आया हूं, इसलिए मुझे निशाना बनाया जा रहा है. मोदी ने डॉ आंबेडकर की तुलना जूनियर मार्टिल लूथर किंग से की और कहा कि वे सिर्फ दलितों के ही नहीं हर वर्ग के नेता थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंबेडकर जयंती 14 अप्रैल के दिन दो बड़े कार्यक्रम आयोजित करने का भी एलान किया. एक कार्यक्रम मुंबई में होगा, जो जल से जुड़ा ग्लोबल कान्फ्रेंस होगा ओर दूसरा किसानों के लिए इसी दिन इ-मार्केटिंग प्लेटफॉर्म लांच किया जायेगा. प्रधानमंत्री के इस एलान में उनकी प्रशासनिक पहल के साथ राजनीतिक दक्षता का भी प्रभाव है.
इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यह दुनिया के लिए डॉ आंबेडकर स्मारक एक आइकोनिक बिल्डिंग होगी. हमारी लिए यह प्रेरणा देने वाली होगी. हमें मानवता की सेवा करने के लिए प्रेरणा यहां से मिलेगी. हमने बाबा साहेब को सिर्फ दलितों का मसीहा बनाकर उनके साथ अन्याय किया है. उनको सीमित ना करें. वो हर तरह की लोगों की आवाज थे जो शोषित, पीड़ित हैं. जिस तरह से दुनिया मार्टिन लूथर किंग को देखती है, उसी तरह हम बाबा साहेब को देखें.
प्रधानमंत्री ने कहा, हमें संविधान में जो मिला है वो जाति विशेष के रूप में नहीं मिला. वह अन्याय को खत्म करने के लिए मिला. मैं दो नेताओं का बेहद सम्मान करता हूं. इनमें एक सरदार पटेल हैं, जिन्होंने राजवाड़े में बंटे देश को एक किया. ऊंच-नीच का भाव जातिभाव का जहर था. सदियों से यह बीमारी हमारे बीच घर कर गयी. कोई शताब्दी ऐसी नहीं होगी कि हिंदू समाज की बुराईयों को खत्म करने एक महापुरुष नहीं आया. डॉ बाबा साहेब आंबेडकर का भी प्रयास इस दिशा में था. उन्होंने हिंदू कोड बिल को लेकर भी