पढ़ें, क्या है एंटी रोमियो दल, नहीं है इन्हें डरने की जरूरत

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लखनऊ। उत्तरप्रदेश के नए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कामकाज संभालते ही दिन एंटी रोमियो दल बनाने का ऐलान कर दिया था। इस दल का उद्देश्य प्रदेशभर में स्कूलों और कॉलेजों के बाहर लड़कियों से छेड़छाड़ रोकने का था। दल का जिम्मा जोनल आईजी को दिया गया। DGP ने हर जिले के एसपी को निर्देश कर दिए। हर थाने में विशेष दस्ते बना दिए गए।यूपी पुलिस ने भाजपा के शपथ पत्र का कंठस्थ कर अपने स्तर से ही कार्रवाई शुरू भी कर दी है.

क्या है एंटी रोमिया दल का काम 

  • पहली बार महिलाओं के खिलाफ अपराध को रोकने के लिए उपर से नीचे तक के पुलिस अधिकारियों को इस काम में लगाया गया है।  
  • हर पुलिस स्टेशन में एक एंटी रोमियो दल होगा जिसमें महिला और पुरुष दोनों पुलिसकर्मी शामिल होंगे।  
  • इस दल के पुलिस अधिकारी साधारण कपड़ों में होंगे, वह पुलिस की वर्दी में नहीं होंगे।  
  • इस दल के लोग उन जगहों पर नजर रखेंगे जहां लड़कियां पढ़ने जाती हैं, इसके साथ बाजार, मॉल, सिनेमा हॉल आदि जगहें भी शामिल होंगी।  
  • दल के सदस्य पुरुषों की गतिविधि पर नजर रखेंगे जो लड़कियों का पीछा करते हैं या उनके साथ छेड़खानी करते हैं।
  • अगर कोई भी लड़कियों पर फब्तियां कसते पाया गया तो पुलिस उनके माता-पिता को बुलाएगी और उन्हें इसकी चेतावनी देगी।
  • लेकिन अगर अपराध जघन्य होगा तो आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस अफसरों ने संकल्प पत्र की ऐसी योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया है, जिसमें अलग से कोई खर्च या व्यवस्था परिवर्तन की जरूरत नहीं है. इन्हीं में से एक चर्चित वायदा है एंटी रोमियो स्क्वॉड का. लखनऊ जोन के 11 जिलों के हर थाने में इस दल का गठन कर लिया गया है और कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है.
एंटी रोमियो स्क्वॉड को लेकर प्रदेश के डीजीपी एस जावीद अहमद ने साफ किया है कि इस दल का मकसद सिर्फ लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा करना है. कोई मॉरल पुलिसिंग नहीं करना है.

लखनऊ के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) ए. सतीश गणेश ने बताया कि जोन के 11 जिलों में कुल 12 बिंदुओं पर एक माह का विशेष अभियान शुरू किया गया है. इनमें एंटी रोमियो स्क्वॉड, गौकशी मामले में धरपकड़, भू माफिया पर नकेल और फरार अपराधियों को पकड़कर जेल भेजने की कार्रवाई शामिल है.
इसमें महिलाओं,छात्राओं के साथ अभद्र टिप्पणी, छेड़खानी की रोकथाम के लिए गुंडा एक्ट की कार्रवाई के साथ ही हर थाने में एंटी रोमियो दल का गठन किया गया है.

वैसे यूपी सरकार की तरफ से अभी तक एंटी रोमियो दल के गठन का कोई आधिकारिक आदेश नहीं जारी किया है. ये पूरी कार्रवाई पुलिस अफसरों ने अपने स्तर से शुरू की है.
आईजी ने बताया कि इस दल में जरूरत और पुलिसकर्मियों की उपलब्धता के हिसाब से संख्या घट या बढ़ सकती है. एंटी रोमियो दल में कम से कम एक सब इंस्पेक्टर, दो आरक्षी या मुख्य आरक्षी के साथ ही एक से दो महिला आरक्षियों को भी शामिल किया जाएगा.

आईजी गणेश के मुताबिक…
 अलग से पुलिस बल बढ़ाने की जरूरत नहीं है. सभी थानों में पर्याप्त पुलिस बल हैं, बस महिला आरक्षियों की संख्या कहीं कम हो सकती है, उसे जरूरत के हिसाब से मैनेज कर लिया जाएगा.
स्क्वॉड के काम की बात करते हुए उन्होंने कहा कि स्कूल, कॉलेज या सार्वजनिक स्थलों पर ये स्क्वॉड एक्टिव रहेगा. उन्होंने कहा कि हमारी पूरी कोशिश है कि ऐसे अवांछित तत्व या शोहदे जो लड़कियों और महिलाओं को परेशान करते हैं. उन्हें टोका जाए और अगर जरूरत पड़े तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए.
मसलन, किसी कॉलेज के पास कोई बेवजह घूमता मिलता है तो ये दल उससे पूछताछ करेगा. उसकी आईडी देखने और जवाब से संतुष्ट होने के बाद उसे जाने दिया जाएगा. अगर वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाता है तो उसे थाने लाया जाएगा, इस दौरान उसके माता-पिता या परिजनों को भी बुलाकर काउंसिलिंग की जाएगी. वहीं इस दौरान अगर कोई लड़की शिकायत करती है तो उस पर भी कार्रवाई फौरन की जाएगी.
आईजी ने कहा कि हमारा मकसद टोकना है और महिलाओं, लड़कियों में ये विश्वास जगाना है कि उनकी सुरक्षा के लिए पुलिस है. इस पूरी कार्रवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाएगी, ताकि अगर मामला अदालत पहुंचता है तो पुलिस पर्याप्त साक्ष्य पेश कर सके.

क्या पार्क, मॉल या अन्य सार्वजनिक जगहों पर युगल जोड़ी से भी ये स्क्वॉड पूछताछ करेगा? इस पर आईजी ने कहा कि उन्हें परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है. लेकिन संदेह होने या एहतियातन पुलिस उनसे पूछताछ जरूर कर सकती है. किसी भी कार्रवाई में पुलिस अपने बर्ताव का विशेष ख्याल रखेगी, ताकि पूछताछ के दौरान किसी को परेशानी न हो. बर्ताव को लेकर सख्त हिदायत दी गई है. उन्होंने कहा कि हमारा मकसद किसी को डराना नहीं है, बस कानून व्यवस्था बनाए रखना है.

उन्होंने बताया कि इस पूरी कार्रवाई पर वह खुद डीआईजी के साथ मिलकर हर हफ्ते समीक्षा करेंगे. इस व्यवस्था में उसी फीडबैक के आधार पर समय-समय पर सुधार भी किया जाएगा. साथ ही जिन जिलों में एंटी रोमियो स्क्वॉड बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पा रहा होगा, उसमें भी उचित कारणों पर सुधार किया जाएगा.

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