
शहर से 109 किलोमीटर दूर पर आए भूकंप का केंद्र 28 किलोमीटर की गहराई में
था।
भूकंप का झटका पड़ोस के किर्गिजिस्तान और उत्तर में कजाकिस्तान,
अफगानिस्तान के उत्तरी हिस्से के साथ ही भारत और पाकिस्तान में भी महसूस
किया। दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ समेत उत्तर भारत के
ज्यादातर इलाकों में कुछ सेकेंड के झटके महसूस किए गए। पाकिस्तान की
राजधानी इस्लामाबाद में एक वकील सारा सेरात ने कहा कि हमने कमरे और उसकी
खिड़कियां हिलते हुए देखा, लेकिन अल्लाह का लाख-लाख शुक्र है कि कोई बड़ा
नुकसान नहीं हुआ।
बांध टूटता तो तबाही मच जाती
ताजिक भूकंपीय सेवा ने खबर दी कि भूकंप का केंद्र उंचाई पर स्थित झील सारेज
से महज 22 किलोमीटर दूर था। 1911 में आए भूकंप के बाद सारेज का निर्माण
हुआ था और इसमें करीब 17 क्यूबिक किलोमीटर पानी है। अगर भूगर्भीय
गतिविधियों के कारण बांध टूटता है तो क्षेत्र में बड़ा खतरा हो सकता था।
देश के सबसे बड़े शहर खोरोग के निवासी शाकारबेक ने कहा कि भूकंप से सभी हिल
गए लेकिन कहीं कोई बड़ा नुकसान नहीं नजर आया।
मध्य एशियाई देश ताजिकिस्तान में सोमवार को 7.2 तीव्रता का जोरदार भूकंप
आया। इसके झटके दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में महसूस किए गए। हालांकि
कहीं से किसी के हताहत होने की खबर नहीं मिली है।