बेंगलुरू । वित्तमंत्री अरूण जेटली ने आज लोगों से अपनी अघोषित संपत्ति की घोषणा करने और ‘सिर उठाकर जीने को कहा। उन्होंने कहा कि सरकार को पता है कि किन क्षेत्रों में कालाधन पैदा हो रहा है लेकिन यह अच्छा नहीं होगा कि वह ‘हमेशा निगाह रखने की प्रक्रिया शुरू करे। उन्होंने कहा कि सरकार को अपने नागरिकों पर भरोसा करना पड़ता है और इसलिए हमेशा उनके लेनदेन पर निगाह रखना बहुत सुखद नहीं है। जेटली ने कहा कि जो लोग कमा रहे हैं उन्हें कर देना चाहिए। विशेषकर ऐसे देश में जहां इनकी दरें उचित हैं। भविष्य में किसी भी तरह की बकाया देनदारी पकड़ ली जाएगी। यहां एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ”कर विभाग समेत सभी लोग इस बात से वाकिफ हैं कि किन क्षेत्रों में अघोषित धन उपज रहा है। किसी भी राज्य के लिए यह बेहद खराब कर्तव्य है कि वह हमेशा निगरानी रखे जाने वाली प्रक्रिया शुरू करे। कालाधन रखने वालों को आय घोषण योजना :आईडीएस: के तहत पाक-साफ होने के लिए आगे आने के लिए दबाव डालते हुए जेटली ने कहा कि सरकार नीति है भारत को धीरे-धीरे करचोरी करने वाले के बजाय कर दाता समाज बनने के लिए प्रेरित करना। जेटली आईडीएस पर आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे जिसका आयोजन आयकर विभाग ने भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान :आईसीएआई: और उद्योग संगठन फिक्की और फेडरेशन आफ कर्नाटक चेंबर्स आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के सहयोग के सहयोग से किया था। इसमें राजस्व सचिव हंसमुख अधिया समेत अन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया। जेटली ने कहा, ”मुझे उम्मीद है कि कर दाताओं के लिए साफ बाहर निकल के आने का यह एक अवसर है। वह चैन की नींद सोएं और सिर उठाकर आराम की जिंदगी जिएं। वो जिन्होंने कर भरा है वह बिना किसी डर के जीवन जी सकते हैं और मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह एक अवसर है जो आपको दिया गया है। उन्होंने कहा कि आय खुलासा योजना :आईडीएस: के पीछे विचार भारत को अधिक से अधिक अनुपालन करने वाला देश बनाना है। मौजूदा आईडीएस 30 सितंबर तक खुली है। वित्त मंत्री ने कहा कि कर चोरों की पनाहगाह और कर छूट वाले समाज को छोड़ दिया जाए तो जहों प्रत्यक्ष कराधान का सवाल है विश्व की अन्य अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले भारत में कर की दर कम है।