राज्यपाल ने लखनऊ के हजरतगंज थाने, बलरामपुर अस्पताल तथा आंगनबाड़ी केन्द्र का किया भ्रमण

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लखनऊ (छविनाथ यादव)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज लखनऊ जनपद के छावनी परिसर स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र एवं वृद्धाश्रम, बलरामपुर अस्पताल तथा हजरतगंज थाने का भ्रमण किया।
राज्यपाल आनंदीबेन ने छावनी परिसर स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र में बच्चों से भेंट कर हिन्दी एवं अंग्रेजी का अक्षर ज्ञान और गिनती सुनी। राज्यपाल ने शिक्षिकाओं से बच्चों के स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के विषय में चर्चा की। उन्होंने कहा कि बच्चे स्लेट पर चॉक से लिखते हैं इसलिये खाने से पहले उनमें हाथ धोने की आदत डालें। वृद्धाश्रम में उन्होंने बुजुर्गों का हालचाल लिया। नाम पूछकर कहाँ से एवं कब आये हैं और क्या सुविधाएं मिल रही हैं इसकी जानकारी के साथ रसोई घर की व्यवस्था को भी देखा। आंगनबाड़ी केन्द्र में उपस्थित महिलाओं से बातचीत की तथा स्वस्थ रहने के मंत्र के साथ कुपोषण के बारे में भी बताया। उन्होंने बच्चों और बुजुर्गों को फल वितरित किये।
इसके बाद राज्यपाल ने बलरामपुर अस्पताल के ओपीडी कॉम्प्लेक्स, पंजीयन हॉल, पोषण एवं पुनर्वास केन्द्र, सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक, ईएनटी महिला वार्ड, महिला सर्जरी वार्ड, आईसीयू डेंटल सर्जरी कक्ष का निरीक्षण किया तथा आयुष्मान भारत के अंतर्गत स्वास्थ्य लाभ पाने वाली महिलाओं से मिलकर उनका हालचाल जाना। उन्होंने मरीजों को फल वितरित किये तथा चिकित्सकों से अस्पताल के बारे में अन्य जानकारियाँ भी प्राप्त कीं। इस अवसर पर निदेशक बलरामपुर अस्पताल डॉ0 राजीव लोचन व अन्य चिकित्सक भी उपस्थित थे। राज्यपाल ने इसी क्रम में हजरतगंज थाने का भी भ्रमण किया तथा थाने के भ्रमण पर सहाय सिंह बालिका इंटर कालेज नरही की छात्राओं से भेंट की। छात्राओं ने हजरतगंज थाने में सीसीटीवी, पुलिस की कार्यप्रणाली, आरक्षी से पुलिस महानिदेशक तक के पदों की जानकारी, महिला एवं पुरूष बंदीगृह, 1090 एवं 100 नम्बर, फायर बिग्रेड एवं अन्य हेल्प लाईन नम्बरों सहित यातायात नियमों की जानकारी ली। राज्यपाल ने छात्राओं से कहा कि ऐसी पुलिस सेवाओं के नम्बर लिखकर अपने पास रखें तथा स्कूल, घर, परिवार और मोहल्लें में भी इसकी जानकारी दें। विद्यालय में प्रार्थना के समय बच्चों को इसकी जानकारी देनी चाहिए। राज्यपाल ने छात्राओं को महिलाओं से संबंधित कानूनी नियमों की भी जानकारी दी।
राज्यपाल ने कहा कि थाने भ्रमण के बाद बच्चे अपने अनुभव पर आधारित निबंध लिखें। प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पाने वाले निबंधों को हजरतगंज थाने द्वारा पुरस्कृत किया जायेगा। विद्यार्थियों में लिखने-पढऩे और भाषण देनी की आदत डालें। बच्चों को पिकनिक पर नहीं बल्कि टूर पर ले जायें। शहरी बच्चों को ग्रामीण क्षेत्रों में तथा ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को शहरी क्षेत्र में भ्रमण कराने पर जहाँ एक ओर ज्ञानवर्धन होगा वहीं शहर के बच्चों को खेत-खलिहानों की भी जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जीवन में बौद्धिक विकास ज्यादा होता है।
थाने भ्रमण के अवसर पर विद्यार्थीगण पुलिस अधिकारियों एवं कर्मियों से बात करके जानकारी प्राप्त करें कि उन्होंने कैसे शिक्षा प्राप्त की। सरकारी या गैर सरकारी स्कूल में पढ़े थे, शहर या गाँव के स्कूल में पढ़े। कौन सी परीक्षा दी और कहाँ प्रशिक्षण पाया। ज्यादातर अधिकारियों ने शासकीय स्कूलों में पढ़ाई की होगी और पैदल भी चले होंगे। उन्होंने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ छात्रायें घर के कामों में हाथ बटायें तथा स्वच्छता को अपने स्वाभाव में ढालें। दूसरों के अनुभव से युवा अपने लक्ष्य निर्धारित करें। उन्होंने बताया कि राजभवन भोपाल में रहते हुये उन्होंने ऐसे अभिनव प्रयोग किये थे तथा इस वर्ष राजभवन उत्तर प्रदेश के बच्चों को रक्षाबंधन के अवसर पर सेना के मध्य कमान एवं जिला कारागार भेजकर सैनिकों एवं बंदियों को राखी बंधवाई।
राज्यपाल ने हजरतगंज थाने में साइबर सेल एवं महिला थाने का भ्रमण किया तथा शिकायत पंजिका, महिला उत्पीडऩ के मामले और उस पर की गई कार्यवाही के बारे में भी जानकारी ली। राज्यपाल के साथ भ्रमण कार्यक्रम में एडीजी एसएन साबत, जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी सहित जनपद के प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारीगण उपस्थित थे।

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