सरकार ने लेखपालों की हड़ताल को बताया अवैध, आंदोलन लम्बा खिंचने के आसार

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लखनऊ । उत्तर प्रदेश में करीब 15 दिन से जारी लेखपालों की हड़ताल लम्बी खिंच सकती है। राज्य सरकार की तरफ से आंदोलन रत लेखपाल संघ से अभी तक कोई वार्ता भी नहीं हो सकी है। राज्य सरकार के प्रवक्ता और प्रदेश के कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा ने इस संबंध में पूछने पर हिन्दुस्थान समाचार को मंगलवार को बताया कि जब लेखपालों की हड़ताल पर रोक लगा दी गई है, तो उन्हें आंदोलन पर जाना ही नहीं चाहिये था। उन्होंने लेखपालों की हड़ताल को अवैध बताया। 
उप्र लेखपाल संघ अपनी मांगों को लेकर पिछले करीब 15 दिन से आंदोलन रत है। शासन ने उनके आंदोलन पर अभी तक कड़ा रुख ही बनाये हुए है। सैकड़ों लेखपालों और संघ के पदाधिकारियों को अब तक निलंबित किया जा चुका है। इससे आक्रोशित लेखपाल संघ ने विधानसभा पर प्रदर्शन करने का भी निर्णय लिया है। संघ के महामंत्री ब्रजेश श्रीवास्तव का कहना है कि शासन और प्रशासन के अधिकारी उनके आंदोलन का संज्ञान नहीं ले रहे हैं। वह कहते हैं कि लेखपाल रात दिन मेहनत करके सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन करते हैं, लेकिन कुछ अधिकारी मुख्यमंत्री से कहते हैं कि लेखपाल लोग काम ही नहीं करते। 
इस बीच राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद और पंचायती राज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ ने लेखपाल आंदोलन को समर्थन का एलान किया है। इन संगठनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। लेखपालों के आंदोलन के चलते प्रदेश भर में जन समस्यायें बढ़ रही है। आम लोगों की तमाम समस्याओं और शिकायतों का निस्तारण नहीं हो पा रहा है।

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