कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले की 10 साल की श्रद्धा शुक्ला एक बार फिर गंगा की उफनाती लहरों के बीच तैरकर वाराणसी तक का सफर तय करने जा रही है। अपने मजबूत इरादे और गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज कराने के लिए श्रद्धा कानपुर के मैस्करघाट से गंगा में उतरी। वह 10 दिनों में कानपुर से वाराणसी की 570 किलोमीटर की गंगा यात्रा पूरी करेगी।
जानकारी के अनुसार श्रद्धा हर रोज 100 किलोमीटर तैरेगी। तैराकी के दौरान श्रद्धा 4 जगहों पर रूकेगी। पहला स्थान चण्डिका देवी बक्सर उन्नाव, दूसरा स्थान फतेहपुर, तीसरा स्थान कौशाम्बी, उसके बाद चौथा और आखरी स्थान इलाहबाद होगा। तैराकी के इस सफर में श्रद्धा के साथ उसकी सुरक्षा के लिए 10 गोताखोरों का दल साथ रहेगा। गोताखोरों के अलावा डॉक्टरों की एक टीम भी नाव में साथ होगी।
वहीं दूसरी तरफ श्रद्धा शुक्ला के पिता ललित कुमार शुक्ला का कहना है कि श्रद्धा का ढ़ाई साल की उम्र से तैराकी से नाता है। उन्होंने बताया कि श्रद्धा के बाबा मुन्नू लाल शुक्ला जब गंगा में नहाने जाते थे तो वे उसको भी अपने साथ ले जाते थे। इसी दौरान श्रद्धा तैराकी में धीरे-धीरे दिलचस्पी लेने लगी और कुछ ही महीनों में एक कुशल तैराक बन गई। तैराकी को अपना जूनून बनाते हुए श्रद्धा साढ़े 5 साल की उम्र में शुक्लागंज पुल से सिधनाथ घाट तक तैर चुकी है।
आपको बता दें कि साल 2014 में श्रद्धा शुक्ला ने सावन के महीने में खतरे के निशान को छू रही गंगा नदी में सरसैया घाट से सिधनाथ घाट तक की 16 किलोमीटर की दूरी को 72 मिनट में तय किया था। इसके बाद श्रद्धा ने कानपुर से इलाहाबाद तक की 270 किलोमीटर की दूरी को तैर कर पार किया था। श्रद्धा ने तैराकी में कई रिकार्ड बनाए, लेकिन अब वह चाहती है कि उसका नाम गिनीज बुक अॉफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हो।