लखनऊ। प्रदेश सरकार की इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति के फलस्वरूप उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के लिए एक अनुकूल वातावरण बना है और अनेक विश्व प्रसिद्ध एक्ट्रॉनिक्स उपकरण तथा कंपोनेंट निर्माता कंपनियां पूंजी निवेश के लिए उत्तर प्रदेश में आ रही है मोबाइल निर्माण के 50ः से अधिक पूंजी निवेश केवल उत्तर प्रदेश में हो रहा है। 21 व 22 फरवरी 2018 को आयोजित इन्वेस्टर सम्मिट में आईटीआई इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के क्षेत्र में लगभग 60 हजार करोड़ के निवेश हेतु समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए गए थे और लगभग सभी परियोजनाएं स्थल पर कार्य आरंभ हो चुकी हैं। चीन तथा ताइवान की कंपनियों द्वारा मिलकर कोटेक, ग्रेटर नोएडा के 100 एकड़ क्षेत्र में एक इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (ई० एम० सी०) विकसित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण इकाइयों की स्थापना हेतु अनेक निवेशक प्रदेश सरकार के संपर्क में हैं।
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री तथा सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक मंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने आज यहां इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान गोमती नगर में आयोजित द्वितीय ग्राउंट ब्रेकिंग सेरेमनी में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण उद्योग की स्थिति पर आयोजित तकनीकी सत्र में यह बात कही। डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि देश की लगभग 17 प्रतिशत जनसंख्या के साथ उत्तर प्रदेश भारत का सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य है और इतनी बड़ी जनसंख्या वाले राज्य के युवाओं को रोजगार के लिए प्रदेश का वर्गीकरण ही प्रमुख साधन है। इसमें भी इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र सर्वाधिक रोजगार संभावनाओं वाले उद्योग हैं।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात उत्तर प्रदेश की औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2017 बनाने के लिए गठित समिति की अध्यक्षता का दायित्व मुझे दिया गया था। इसके अतिरिक्त विभागीय मंत्री होने के कारण उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्टअप नीति 2017 तथा ष्उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीतिदृ2017ष् के लिए भी मेरी जिम्मेदारी रही। इन दायित्वों के निर्वहन के दौरान मेरा सर्वप्रथम लक्ष्य यह था कि इलेक्ट्रॉनिक्स सूचना प्रौद्योगिकी या अन्य उद्योगों के लिए उत्तर प्रदेश की नीतियां देश के अन्य प्रदेशों की तुलना में सर्वोत्तम तथा रोजगार परक हों।
डॉक्टर शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार की इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण नीति में निवेशकों को भूमि की प्रचलित सर्किल दर में 25 प्रतिशत की छूट दी जाती है तथा उन्हें उनके द्वारा किए जाने वाले कुल स्थिर निवेश की 100ः की सीमा तक वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किए जाते हैं जैसा कि पूंजी उपादान, ब्याज उपादान, एस.जी.एस.टी प्रतिपूर्ति इत्यादि। इस नीति के अंतर्गत 200 करोड़ रुपए से अधिक निवेश तथा न्यूनतम 1000 रोजगार सृजन करने वाली ई.एस.डी.एम. इकाइयों को केस आधार पर विशेष प्रोत्साहनों की भी व्यवस्था है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 2500 एकड़ से अधिक क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक सिटी की स्थापना विचाराधीन है। प्रदेश में वर्तमान में स्थापित हो रही विभिन्न आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स योजनाओं द्वारा आगामी पांच वर्षों में चार लाख से अधिक युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा। अन्य राज्यों से प्रतिस्पर्धा तथा ऑटोमोबाइल, दूरसंचार, सौर ऊर्जा इत्यादि क्षेत्रों पर विशेष ध्यान सहित, संपूर्ण राज्य में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के विस्तार के उद्देश्य से प्रदेश की वर्तमान इलेक्ट्रानिक विनिर्माण नीति को संशोधित किए जाने पर भी विचार किया जा रहा है।
इस अवसर पर राज्य मंत्री, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स मोहसिन रजा ने कहा कि प्रधानमंत्री के न्यू इंडिया के सपने को पूरा करने में उत्तर प्रदेश का बहुत बड़ा योगदान है। प्रदेश सरकार उद्योगपतियों का विश्वास जीतने में सफल हुई है। सरकार उद्योगपतियों के साथ मिलकर चलना चाहती है तथा हर स्तर पर सहयोग करने को तैयार है।