Home जन इंडिया स्टॉफ की कमी से जूझ रही दिल्ली उर्दू अकादमी

स्टॉफ की कमी से जूझ रही दिल्ली उर्दू अकादमी

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-अकादमी के 20 अधिकारी व कर्मचारी हुए सेवानिवृत्त
-अकादमी दिल्ली अधीनस्थ चयन सेवा बोर्ड को दो बार लिख चुकी है पत्र
नई दिल्ल।
दिल्ली सरकार की उर्दू के प्रति उदासीनता का जीता जागता उदाहरण दिल्ली उर्दू अकादमी है। उसमें 20 से अधिक खाली पड़े पदों की भर्ती में प्रदेश सरकार कोई रुचि नहीं ले रही है। दिल्ली सरकार के अधीन आने वाली दिल्ली उर्दू अकादमी में पिछले 6 वर्षों में 20 से अधिक कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इन कर्मचारियों की जगह पर सरकार की तरफ से भर्ती किए जाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। यहां तक कि अकादमी की दारा शिकोह लाइब्रेरी में लाइब्रेरियन समेत कोई भी स्टॉफ मौजूद नहीं है। स्टाफ की कमी की वजह से यह लाइब्रेरी इस समय दयनीय स्थिति में है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में उर्दू भाषा के विकास और उत्थान के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से दिल्ली उर्दू अकादमी का गठन किया गया है। दिल्ली उर्दू अकादमी इस वक्त कर्मचारियों की कमी से जूझ रही है। अकादमी में पिछले 7-8 साल से स्थाई सचिव का पद खाली पड़ा हुआ है। जबकि पिछले दो साल से अकादमी की लाइब्रेरी में लाइब्रेरियन और स्टॉफ की कमी पाई जा रही है। पिछले छह साल से दिल्ली उर्दू अकादमी में तैनात 20 से अधिक अधिकारी और कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
दिल्ली विधानसभा के पिछले सत्र में आम आदमी पार्टी की विधायक सरिता सिंह ने सदन में दिल्ली उर्दू अकादमी से संबंधित सवाल उठाए थे। जिसका जवाब दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने देते हुए बताया था कि दिल्ली उर्दू अकादमी में पिछले 6 वर्षों में 20 से अधिक अधिकारी और कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए हैं। सेवानिवृत्त हुए अधिकारी और कर्मचारियों की खाली स्थानों को भरने के लिए दिल्ली उर्दू अकादमी की तरफ से किसी तरह का विज्ञापन जारी नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि दिल्ली उर्दू अकादमी ने 21 अप्रैल 2017 और 31 जुलाई 2017 को दिल्ली अधीनस्थ चयन सेवा आयोग को पत्र लिखकर अकादमी में अधिकारियों ओर कर्मचारियों की भर्ती किए जाने का मामला उठाया है। लेकिन आयोग की तरफ से अभी तक इस सिलसिले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
अकादमी के पूर्व सचिव मरगूब हैदर आब्दी के सेवानिवृत्त होने के बाद अनीस अहमद आजमी को सचिव पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। आजमी के सेवानिवृत्त होने के बाद से दिल्ली सरकार के अधिकारी अस्थायी तौर से सचिव की जिम्मेदारी निभाते आ रहे हैं। वर्तमान में दिल्ली सरकार के विशेष सचिव (स्वास्थ्य) एस एम अली यह जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
अकादमी की तरफ से स्थायी सचिव पद के लिए कई बार विज्ञापन जारी किया गया, लेकिन लोगों के आवेदन आने के बाद इस पद के लिए इंटरव्यू नहीं हो पाया है।

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