योगी सरकार की पहली कैबिनेट कुछ देर में, किसानों की धड़कनें बढ़ी, इन मुद्दों पर चर्चा के बाद लग सकती है ‘मुहर’

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी कैबिनेट की आज पहली बैठक होने वाली है जिसमें किसानों की कर्जमाफी समेत कई बड़े फैसले हो सकते हैं … आज होने वाली कैबिनेट की पहली बैठक से पहले ही योगी सरकार ने गन्ना समिति से जुड़े सभी गैर सरकारी लोगों का नामांकन रद्द कर दिया है, इसके तहत कुल 355 लोगों को कार्यमुक्त कर दिया गया है, इन 355 पदों पर नई नियुक्ति की जाएगी। गन्ना किसानों को सीधे भुगतान के तहत यह फैसला काफी अहम माना जा रहा है। उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों को जल्द भुगतान का मुद्दा चुनावी रहा है और बीजेपी ने गन्ना किसानों को इस बारे में पूरा भरोसा दिलाया था।
पहली कैबिनेट मीटिंग मंगलवार 4 अप्रैल को राजधानी लखनऊ स्थित मुख्यमंत्री ऑफिस लोक भवन में आयोजित की है। राज्य सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा कर उनपर मुहर लगायी जाएगी।

शाम 5 बजे से शुरू होगी बैठक:

  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को लखनऊ में कैबिनेट की पहली बैठक बुलाई है।
  • जिसमें कई प्रस्तावों पर चर्चा कर उन पर मुहर लगायी जा सकती है।
  • बैठक शाम 5 बजे से लोक भवन में आयोजित की जाएगी।

पहली कैबिनेट मीटिंग में इन प्रस्तावों पर होगा विशेष ध्यान:

  • सीमांत और लघु किसानों के कर्ज माफ़ी के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है।
  • कृषि नीति में बदलाव के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दी जा सकती है।
  • बुंदेलखंड खंड को राहत देने के लिए एन्टी भूमाफिया टास्क फोर्स के गठन पर भी कैबिनेट में चर्चा की जाएगी।
  • योगी सरकार कैबिनेट में तबादला नीति पर भी फैसला ले सकती है।
  • समूह ‘ग’-समूह ‘घ’ की नौकरियों में इंटरव्यू व्यवस्था बंद होने पर भी कैबिनेट फैसला ले सकती है।
  • प्रदेश में महिला की सुरक्षाओं से संबंधित प्रस्ताव पर भी मुहर लग सकती है।
  • एंटी-रोमियो दल के कानून को भी कैबिनेट की मंजूरी मिल सकती है।
  • बूचड़खानों से संबंधित प्रावधानों में कैबिनेट बदलाव कर सकती है।
  • युवाओं को मुफ्त लैपटॉप,
  • गन्ना किसानों की फसल बेचने पर जल्द भुगतान के व्यवस्था भी कैबिनेट मीटिंग में चर्चा का अहम विषय होगा।
कर्ज माफी और योगी कैबिनेट की पहली मीटिंग पर क्या बोले किसान

चुनावी दौर में मंचों से हुई चुनावी घोषणा और चुनावी वायदों से आम जन में बहुत सी उम्मीदें बन गयी हैं। सूबे में भाजपा की सरकार आने के बाद यहां के किसानों की उम्मीदों को पंख लगाना शुरू हो गए हैं। वहीं पहली कैबिनेट की बैठक में कर्ज माफ़ी के जिक्र ने किसानों के चेहरों पर ख़ुशी ला दी है।
नोटबंदी के दौरान आलू में हुआ घाटा
दरअसल चुनाव से पहले भाजपा ने अपने घोषणापत्र में किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की थी। आखिरकार प्रदेश में भाजपा की सरकार आ भी गई। अब किसानों को उम्मीद है कि उनका कर्ज माफ होगा। क्योंकि यहां का किसान फसल बर्बाद होने के कारण कर्ज में है। इससे पहले नोटबंदी के दौरान आलू की कीमतों में भारी गिरावट से भी किसान को बड़ा नुकसान हुआ है।
प्रधानमंत्री को करना चाहिए अपना वादा पूरा
किसान नेता प्रवीण वार्ष्णेय कहते हैं कि मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी किसानों की कर्ज माफ़ी की बात कही थी। उन्होंने यह भी कहा कि किसान प्राकृतिक आपदा के चलते कर्ज में दबा हुआ है। उसकी फसल की उसे कीमत तक नहीं मिल पा रही है। किसान इस आस में बैठा हुआ है कि उसका कर्ज माफ़ होगा और वो अपने परिवार का जीवन यापन ठीक से कर सकेगा।

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