गांधी जयन्ती पर राजभवन में बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम किया प्रस्तुत

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लखनऊ(छविनाथ यादव)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बुधवार को यहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयन्ती तथा पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयन्ती के अवसर पर लखनऊ में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल हुईं। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री के साथ सर्वप्रथम सुबह जीपीओ पार्क स्थित गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद वे हजरतगंज स्थित गांधी आश्रम में गांधी जी एवं शास्त्री जी के चित्र पर माल्यार्पण कर अपनी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री भवन (एनेक्सी) में भी शास्त्री जी की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित कर अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने गांधी आश्रम में चरखा भी चलाया। राज्यपाल ने कहा कि आप सभी जानते हैं कि गाँधी जी केवल हमारे राष्ट्र के ही नहीं, बल्कि पूरे संसार की महान विभूति हैं, जिन्होंने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर बड़े साहस और संयम से स्वतंत्रता आन्दोलन का नेतृत्व किया और देश को स्वाधीन कराकर ही दम लिया। उन्होंने कहा कि बापू आज विश्व चिन्तन का विषय हैं। चाहे वह रोजगार हो या विश्व-शांति की स्थापना हो, प्रत्येक क्षेत्र में वे प्रासंगिक हैं। राज्यपाल ने कहा कि गांधी जी का मानना था कि जिस देश या समाज के पास चिन्तन और चेतना नहीं है, वह ज्ञान और सेवा का देश या समाज नहीं बन सकता। उन्होंने त्याग, समाज सेवा और राष्ट्र सेवा का ऐसा आदर्श प्रस्तुत किया, जिसके फलस्वरूप देशवासियों ने गांधी जी को संत मान लिया। महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य की संकल्पना में खादी और ग्रामोद्योग को सबसे ज्यादा बढ़ावा दिया गया। खुशी की बात है कि आज गांधी आश्रम देश एवं प्रदेश में खादी और अन्य ग्राम्य उद्योगों के विकास में सक्रिय योगदान दे रहा है। राज्यपाल ने कहा कि गांधी जी समस्त मानव-जाति का सम्मान करते थे, परन्तु महिलाओं के लिए उनके हृदय में अत्यन्त गहरी सहानुभूति और आदर का भाव था। स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान उन्होंने अनेक महिलाओं को न केवल स्वतंत्रता संघर्ष में योगदान के लिये प्रेरित किया, बल्कि उन्हें नेतृत्व करने का भी अवसर प्रदान किया। वे पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को अधिक सहृदय मानते थे। उन्होंने महात्मा गांधी के प्रिय भजन ‘वैष्णव जन तो तेने कहिये जे पीड पराई जाणे रेÓ के इतिहास पर भी प्रकाश डाला। इसके अलावा राजभवन के गांधी सभागार में आयोजित जयन्ती समारोह में राजभवन के बच्चों ने गांधी जी के प्रिय भजनों ‘रघुपति राघव राजा रामÓ, ‘वैष्णव जन तो तेने कहियेÓ तथा ‘दे दी हमें आजादीÓ, ‘ए बापू की लाठीÓ, ‘बन्दे में था दमÓ तथा गांधी सिद्धांत पर आधारित नृत्य एवं मनमोहक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम राज्यपाल के सामने प्रस्तुत किये। राज्यपाल ने इन छोटे एवं नन्हें कलाकारों की मनमोहक एवं मनोरंजक प्रस्तुति पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि आज राजभवन में पहली बार गांधी जयन्ती पर राजभवन के ही बच्चों ने अपनी कला एवं प्रतिभा का जो परिचय दिया है, वह अत्यन्त ही सराहनीय है।

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