भारत – पाक विदेश सचिव स्तर की वार्ता टली, भारत ने पाकिस्तानी एसआईटी का स्वागत किया

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 नई दिल्ली। बेहतर समन्वय कायम कर उठाए गए कदम के तहत भारत और पाकिस्तान ने आपसी सहमति से आज सुनिश्चित किया कि पठानकोट आतंकवादी हमला उनके संबंधों और संवादों को पटरी से न उतार पाए। दोनों देशों ने विदेश सचिव स्तर की वार्ता कुछ दिनों के लिए टाल दी और भारत ने एक पाकिस्तानी एसआईटी के दौरे पर अपनी रजामंदी दे दी।
    दूसरी ओर राष्ट्रीय जांच एजेंसी :एनआईए: ने पठानकोट हमले की जांच के सिलसिले में पंजाब पुलिस के पुलिस अधीक्षक :एसपी: रैंक के अधिकारी सलविंदर सिंह से आज चौथे दिन पूछताछ की। एनआईए अधिकारियों ने सलविंदर के बावर्ची और ‘पंज पीर दरगाह के रखवाले से भी पूछताछ की। सलविंदर ने दावा किया था कि पठानकोट हमले में शामिल आतंकवादियों की ओर से अगवा किए जाने से पहले वह दरगाह गए थे।
 भारत सरकार ने पठानकोट एयरबेस पर पिछले दिनों हुए आतंकवादी हमले के सिलसिले में जैश-ए-मोहम्मद के करीब एक दर्जन सदस्यों को हिरासत में लिए जाने को एक ”अहम और सकारात्मक पहला कदम बताकर इसका स्वागत किया। हालांकि, भारत ने जोर देते हुए कहा कि ”खोखले बयानों से काम नहीं चलेगा और वह जमीनी स्तर पर कार्रवाई चाहता है।  अतीत के कदमों से सबक लेते हुए दोनों सरकारें अपनी रणनीति में तालमेल बिठाती नजर आइ। इस्लामाबाद ने जहां हमले में पाकिस्तानी तत्वों के शामिल होने के आरोप से इनकार नहीं किया और जैश-ए-मोहम्मद के सदस्यों को गिरफ्तार किया, वहीं भारत ने भी अपनी तरफ से वार्ता रद्द नहीं की।  विदेश सचिव एस जयशंकर को आज इस्लामाबाद में अपने पाकिस्तानी समकक्ष एजाज अहमद चौधरी से वार्ता करनी थी। दोनों ने आज एक-दूसरे से फोन पर बात की और ”बेहद निकट भविष्य में अपनी वार्ता का कार्यक्रम फिर से तय करने पर सहमत हुए।  एक अहम फैसले में भारत ने एक पाकिस्तानी एसआईटी को देश में आकर हमले की जांच करने की अनुमति दे दी है और हमले के गुनाहगारों को इंसाफ के कठघरे में खड़े करने की खातिर ”हरसंभव सहयोग की पेशकश की है।  विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने पत्रकारों को बताया कि पठानकोट हमले की जांच के सिलसिले में कल पाकिस्तान सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि हमले से जुड़े आतंकवादी तत्वों के खिलाफ जांच में ”अच्छी-खासी प्रगति हुई है।  प्रवक्ता ने बताया, ”जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ की गई कार्रवाई एक अहम और सकारात्मक पहला कदम है। पाकिस्तान सरकार पठानकोट आतंकवादी हमले की जांच के लिए एसआईटी भेजने पर विचार कर रही है।

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