नई दिल्ली। सियाचिन ग्लेशियर से चमत्कारिक रूप से जीवित निकाले गए बहादुर सैनिक लांस नायक हनमनथप्पा कोप्पाड का आज निधन हो गया। लांस नायक हनुमनथप्पा कोप्पड़ की मृत्यु पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शोक प्रकट करते हुए कहा कि हनुमनथप्पा हमें ”उदास और व्यथित छोड़ गए हैं। आपके अंदर जो सैनिक था वह अमर है। हमें गर्व है कि आप जैसे शहीदों ने भारत की सेवा की। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज बताया ”लांस नायक हनमनथप्पा नहीं रहे। उन्होंने सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर अंतिम सांस ली। मद्रास रेजिमेंट के 33 वर्षीय सैनिक के परिवार में उनकी पत्नी महादेवी अशोक बिलेबल और दो वर्ष की एक बेटी नेत्रा कोप्पाड है। कर्नाटक के धारवाड़ के बेटादूर गांव के रहने वाले कोप्पाड 13 वर्ष पहले सेना से जुड़े थे। कोप्पाड की तबीयत कल और बिगड़ गई थी। उन्हें नौ फरवरी को यहां आर्मी रिसर्च ऐंड रेफरल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। तीन फरवरी को 19,600 फुट की उूंचाई पर सियाचिन में हिमस्खलन के बाद बर्फ में दबने के बावजूद वह छह दिन तक मौत को मात देने में सफल रहे थे। उन्हें ‘चमत्कारी मानवÓ का नाम दिया गया है। सैनिक अस्पताल के क्रिटिकल केयर विशेषज्ञों, मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष, एक वरिष्ठ किडनी रोग विशेषज्ञ और एक वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट और एम्स के विशेषज्ञों के एक पैनल ने कल उनकी हालत की समीक्षा की थी।
पाक ने सियाचिन से आपसी सहमति से सेना हटाने का समर्थन किया
सियाचिन के बहादुर लांस नायक हनमनथप्पा कोप्पड़ के निधन के बीच, पाकिस्तान ने आज कहा कि सियाचिन से आपसी सहमति से जवानों को हटाकर उसके तथा भारत के बीच सियाचिन मुद्दे का ”तत्कालÓÓ समाधान निकालने का समय आ गया है ताकि यह सुनिश्चित हो कि ग्लेशियर पर विषम परिस्थितियों के कारण और जानें नहीं जाएं। सियाचिन में 19600 फुट की उूंचाई पर चौकी के हिमस्खलन से प्रभावित होने के बाद छह दिन तक टनों बर्फ में दबे रहने के बाद तीन दिन पहले जिंदा निकाले जाने के बाद कोप्पड़ को सेना अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनका आज सुबह निधन हो गया।