सतर्कता न्यायाधीश ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने की अनुमति मांगी
तिरूवनंतपुरम। मुख्यमंत्री ओम्मन चांडी को राहत देते हुए केरल उच्च न्यायालय ने सौर घोटाला मामले में उनके और एक अन्य मंत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश पर आज रोक लगा दी और सतर्कता न्यायाधीश के खिलाफ कठोर टिप्पणियां कीं जिन्होंने तुरंत ही पद छोडऩे की पेशकश कर दी।
उच्च न्यायालय की कड़ी टिप्पणी से आहत सतर्कता अदालत के न्यायाधीश एस एस वासन ने अपना कार्यकाल खत्म होने से करीब 16 महीने पहले ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की अनुमति मांगी है। वह मई 2017 में सेवानिवृत्त होने वाले हैंं। वासन ने चांडी और उूर्जा मंत्री आर्यदान मोहम्मद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए थे। उच्च न्यायालय ने सतर्कता अदालत के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि यह ”अदालत की न्यायिक खामियांÓÓ हैं और प्रशासन विभाग से कहा कि सतर्कता अदालत के न्यायाधीश के खिलाफ कार्रवाई पर विचार करें। फैसला सुनने के तुरंत बाद उत्साहित चांडी ने कहा, ”सच्चाई की हमेशा जीत होगीÓÓ और कहा कि उनके खिलाफ आरोप ”राजनीतिक षड्यंत्रÓÓ का हिस्सा हैं। विपक्षी माकपा नीत एलडीएफ और इसके युवक संगठन चांडी के इस्तीफे की मांग करते हुए कल से राज्य में हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं। चांडी ने आज पूरे राज्य में हो रहे प्रदर्शन को देखते हुए अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए थे और वह अपने सरकारी आवास में ही रहे। फैसले के तुरंत बाद चांडी ने संवाददाताओं से कहा कि वह किसी के प्रति दुर्भावना नहीं रखते और उन्हें विश्वास है कि इससे वह बेदाग होकर निकलेंगे। चांडी ने पहले आरोप लगाए थे कि उनके खिलाफ आरोप बार मालिकों के एक धड़े और माकपा के ”षड्यंत्रÓÓ का हिस्सा है। उन्होंने आज कहा, ”यह काफी निचले स्तर पर पहुंच गया है और केरल के लिए यह शर्म की बात है।ÓÓ