जयपुर । राजस्थान के जालोर जिले के कलक्टर जितेन्द्र कुमार सोनी ने प्रण लिया है कि वह जिले के करीब 25 हजार विद्यार्थियों को गणतंत्र दिवस तक जूते मुहैया कराएंगे, जो इस भरे जाड़े में सुबह सवेरे नंगे पांव स्कूल जाते हैं। भारतीय प्रशासनिक सेवा के युवा अधिकारी सोनी ने आज मिडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जालोर में पदस्थापित होने पर गत दिसम्बर महीने में उन्हें एक स्कूल में जाने का मौका मिला और वहां तीन बच्चों को भरे जाड़े में नंगे पैर देखकर उनका मन विचलित हो गया। उनका कहना है कि उन्होंने उसी समय उन तीनों बच्चों को अपने स्तर पर जूते उपलब्ध करवा दिए लेकिन मन में ठान लिया कि कोई भी बच्चा नंगे पांव स्कूल नहीं आए। एक सरकारी स्कूल से अध्ययन कर जिला कलक्टर के पद तक पहुंचे सोनी ने कहा कि जालोर जिले मेंं नंगे पांव स्कूल आने वाले बच्चों का आंकलन करने पर सामने आया कि औसतन एक स्कूल में दस से पंद्रह बच्चे नंगे पांव स्कूल आते है। जिले में करीब पच्चीस सौ शिक्षण संस्थान है और इस हिसाब से नंगे पांव स्कूल आने वाले बच्चों की संख्या करीब पच्चीस हजार है। सोनी ने कहा कि उन्होंने भामाशाह और दानदाताओं का सहयोग लेकर ‘चरण पादुका अभियान’ चलाया और जिले के प्रत्एक स्कूल में नंगे पांव आने वाले बच्चों को जूते पहनाने का काम शुरू किया। अभियान की मौजूदा रफ्तार से उन्हें लगता है कि गणतंत्र दिवस 26 जनवरी तक जिले के हर स्कूल के हर बच्चे के पैर में जूता होगा। राजस्थान कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी ने कहा कि उन्हें नंगे पांव स्कूल आने की तकलीफ का अहसास है। सर्दी, गर्मी हो या बारिश, नंगे पांव स्कूल आना बहुत मुश्किल होता है। उन्होंने कहा कि उन्होंने उपखंड अधिकारी, विकास अधिकारी और अन्य अधिकारियों को अपने अपने क्षेत्राधिकार में भामाशाहों और दानदाताओं के सहयोग से नंगे पांव आने वाले बच्चे को जूते उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए है।