नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को उच्च अदालत में चुनौती देगी। पार्टी की दलील है कि निर्णय में कई कानूनी खामियां है। इसलिए, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी को इस मामले में मिले समन को चुनौती देने वाली याचिका खारिज करने के निर्णय के खिलाफ मंगलवार को शीर्ष अदालत में चुनौती देगी।
कांग्रेस ने इन कयासों को भी खारिज कर दिया है कि हेराल्ड मामले में याचिका खारिज होना पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस न सिर्फ इस फैसले को चुनौती देगी, बल्कि सभी कानूनी उपायों और अवसरों का इस्तेमाल करेगी। उन्होंने कहा कि फैसले में कई खामिया है और हमारे पास पक्की दलील है। सिंघवी इस मामले में वकील भी हैं।
सिंघवी ने कहा कि अभी तक पार्टी को उच्च न्यायालय के फैसले की कॉपी नहीं मिली है। ऐसे में हमारी कोशिश होगी कि जब तक मजिस्ट्रेट के फैसले के खिलाफ रोक को जारी रखा जाए। उच्च न्यायालय के निर्णय में खामियां गिनाते हुए उन्होंने कहा कि यह धोखाधड़ी का मामला नहीं है। पर साथ ही उन्होंने दोहराया कि कांग्रेस अदालत के फैसले का सम्मान करती है।
सिंघवी ने कहा कि नेशनल हेराल्ड की अचल संपत्ति का मालिकाना हक अभी भी एसोसिएट जनरल के पास है। एसोसिएट जनरल का मालिकाना हक पहले कांग्रेस के पास था। अब एसोसिएट जनरल का मालिकाना हक कंपनी एक्ट के अनुच्छेद 25 के तहत रजिस्ट्रड कंपनी यंग इंडिया के पास है। कंपनी एक्ट के अनुच्छेद 25 के तहत पंजीकृत कंपनी अपने शेयर धारकों को कोई फायदा नहीं पहुंचा सकती। यंग इंडिया का मालिकाना हक भी कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों के पास है। ऐसे में भाजपा नेता सुब्रामण्यम स्वामी का यह आरोप गलत है कि यह धोखाधड़ी का मामला है।
कांग्रेस पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है। पार्टी का कहना है कि वह अदालत के फैसले का सम्मान करती है। पार्टी की नजर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के रुख पर है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली, तो पार्टी इसे राजनीतिक लड़ाई के तौर पर लड़ेगी।