हैदराबाद। दलित शोध छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी को ‘अपमानजनक करार देते हुए हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के आंदोलनकारी विद्यार्थियों ने अपना आंदोलन तेज करने का संकल्प लिया और कहा कि प्रधानमंत्री की निष्क्रियता उनके राजनीतिक हितों को परिलक्षित करती है। इस बीच रोहित वेमुला के परिजनों ने आज हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय की तरफ से की गई अनुग्रह राशि की पेशकश को ठुकरा दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की आलोचना करते हुए कहा कि जवाब देने में उन्हें पांच दिन का समय क्यों लग गया। इन विद्यार्थियों ने मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा की अपील खारिज कर दी जिन्होंने यहां के दौरे के दौरान उन्हें इंसाफ का आश्वासन देते हुए अंादोलन खत्म करने का आह्वान किया था। कल ही केंद्र ने विश्वविद्यालय से निलंबन के बाद रोहित द्वारा आत्महत्या कर लेने की घटना की जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन का निर्णय किया था। विद्यार्थियों के आंदोलन के अगुवा ज्वायंट एक्शन कमिटी जेएसी ने मोदी के बयान पर ‘असंतोष प्रकट करते हुए सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री अब अपने मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
जेएसी ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शोक संदेश हासिल करना बहुत ही अपमानजनक है, जिन्होंने अपने शोक संदेश में रोहित वेमुला को भारत माता की संतान बताया। ज्वायंट एक्शन कमिटी फोर सोशल जस्टिस रोहित की मौत पर राजनीति की कठोरतम शब्दों में निन्दा करती है।
उसने कहा, ”रोहित वेमुला और अन्य सामाजिक बहिष्कृत लोग हमेशा से हिंदुत्व और मनुवादी राजनीति के विरूद्ध रहे हैं, जिसका भाजपा के मंत्री गर्व से समर्थन करते हैं।जेएसी ने आरोप लगाया, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों पर बर्बरता से लाठीचार्ज किया, पुरूष पुलिस अधिकारियों ने छात्राओं के साथ बुरा बर्ताव किया और उन्हें हिरासत में लिया। हैदराबाद विश्वविद्यालय में जो कुछ हुआ, उस पूरे प्रकरण में उनकी सहभागिता और निष्क्रियता से साफ तौर पर उनका राजनीतिक हित परिलक्षित होता है।
उसने पूछा कि क्या मोदी रोहित वेमुला और अन्य सामाजिक बहिष्कृत शोध छात्रों के साथ हुई नाइंसाफी के लिए भाजपा मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई करेेंगे।
भावुक मोदी ने कल लखनउू में कहा था, ”…जब यह खबर मिलती है कि मेरे ही देश के जवान बेटे रोहित को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा। मां भारती ने अपना लाल खो दिया। कारण और राजनीति अपनी जगह पर होंगे लेकिन सच्चाई यह है। मैं उसके परिवार की पीड़ा को समझ सकता हूं।
इसी बीच सात विद्यार्थियों की भूख हड़ताल आज सातवें दिन भी जारी है जबकि उनके साथी अन्य तरीकों से अपना विरोध प्रकट कर रहे हैं।
अनशन पर बैठे विद्यार्थियों में शामिल जी प्रभाकर ने कहा कि डॉक्टरों द्वारा इन विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताए जाने के बाद भी वे अपना अनशन जारी रखना चाहेंगे।
प्रभाकर ने कहा, ”हम :उपवास: जारी रखना चाहते हैं। हमारी मंागें अब तक पूरी नहीं हुई हैं। वे कहते हैं कि मोदी ने कल लखनउू में :इस विषय पर: बात की और एक न्यायिक समिति गठित की गई और बस पूरा। आप न्यायिक आयोग गठित करें, कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई तो कीजिए जिनकी वजह से यह मौत हुई।