रेलवे का बयान, झुग्गी हटाने में नहीं हुई किसी की मौत, प्रभू से मिलेंगे केजरीवाल

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नई दिल्लीू। रेलवे ने शकूरबस्ती में झुग्गी हटाने के दौरान हुई बच्चे की मौत के आरोप को सिरे से खारिज किया है। दिल्ली के मंडल रेल प्रबंधक अरुण अरोड़ा ने रविवार को बताया कि जिस बच्चे की मौत की बात की जा रही है, उसकी मौत अभियान शुरू होने के पहले ही हो चुकी थी। सुबह लगभग 10 बजे पंजाबी बाग पुलिस स्टेशन के एसएचओ ईश्वर सिंह को सूचना मिली की झुग्गी में रहने वाले बच्चे की तबीयत बहुत खराब है और वह हिलडुल नहीं रहा है। पुलिस ने 10.30 बजे बच्चे को संजय गांधी अस्पताल भेजा, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। वहीं झुग्गियों को हटाने का काम दोपहर 12 बजे शुरू हो कर शाम 06 बजे तक चला।


रेल मंत्री से मिलेंगे केजरीवाल
शकूरबस्ती में शनिवार देर रात 500 झुग्गी गिराने के मुद्दे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल जल्द रेल मंत्री से मिलेंगे। रविवार शाम को सीएम आवास पर मुख्यमंत्री के साथ रेल अधिकारियों की हुई बैठक बेनतीजा रही। रेलवे के अधिकारियों ने अपना पक्ष रखा लेकिन मुख्यमंत्री संतुष्ट नहीं हुए। दिल्ली सरकार के प्रवक्ता नागेन्द्र शर्मा ने कहा कि रेलवे की कार्यवाई और उनके अधिकारियों की बातों से सरकार आहत है। मुख्यमंत्री जल्द ही रेल मंत्री सुरेश प्रभु से मिलेंगे। शर्मा ने बच्ची की मौत के सवाल पर कहा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से सब पता चल जाएगा।


झुग्गीवासियों से मिलीं मालिवाल
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालिवाल ने शकूरबस्ती जाकर झुग्गीवासियों से मुलाकात की| उन्होंने झुग्गियां टूटने से बेघर हुई करीब 5 हज़ार महिलाओं और ढाई हज़ार बच्चियों की सुरक्षा पर सवाल उठाया| साथ ही इतना बड़ा कदम उठाने से पहले आयोग को रेहबिलिटेशन प्लान शेयर न करने पर रेलवे को नोटिस जारी करने की बात कही। स्वाति ने कहा कि कानूनन 2009 से पहले बसी झुग्गियों को बिना पुनर्वास के नहीं हटाया जा सकता| जबकि यहां लोग 1995 से बसे हैं ऐसा उनके वोटर कार्ड्स से पता चला| ऐसे में इतना बड़ा अभियान कैसे चलाया गया| अभियान की निंदा करते हुए उन्हीने उन बच्चियों से भी मुलाकात की जिनके सर भगदड़ के दौरान फूटे हैं।


सरकार व प्रशासन को थी अभियान की सूचना
शकूरबस्ती में सीमेंट साइडिंग के करीब यात्रियों की सुविधा के लिए एक टर्मिनल बनना है। इसी के चलते पिछले दो वर्षों में बनी कच्ची झुग्गियों को हटाए जाने की योजना थी। इन झुग्गियों को तोड़ने का पहला नोटिस 14 मार्च व दूसरा नोटिस 30 सितंबर को दिया गया। दोनों ही मौकों पर पुलिस बल उपलब्ध न हो पाने के चलते अभियान नहीं चल सका। 12 दिसम्बर को पुलिस बल उपलब्ध होने के चलते अभियान चलाया जा सका। पुलिस की मौजूदगी में इस अभियान को शुरू करने के पहले राज्य सरकार की संस्था दिल्ली अर्बन शेल्टर इंप्रूवमेंट बोर्ड के अधिकारियों को फोन कर इसकी सूचना दी गई थी। 


500 नहीं 1200 झुग्गियां टूटीं 
दिल्ली सरकार की ओर से 500 झुग्गियां तोड़ने की बात पर रेलवे मंडल प्रबंधक ने साफ किया की अभियान के तहत 1200 कच्ची झुग्गियां तोड़ी गईं। ये झुग्गियां प्लास्टिक की पन्नियों व तिरपाल से बनी हुईं थी। इन झुग्गियों के अलावा यहां बनी 15 दुकानों को भी हटाया गया। 


एनजीटी के आदेश की भी महत्वपूर्ण भूमिका 
अरोड़ा ने कहा कि एनजीटी के आदेशों का पालन करने के लिए पटरियों के किनारे बनी झुग्गियों को हटाने का अभियान तेज किजा जाएगा।  एनजीटी ने रेल पटरियों व रेल की जमीन पर कचरा फैले होने के चलते रेलवे पर जुर्माना लगाया है। उन्होंने बताया कि पटरियों के आसपास रहने वाले लोग ही इस गंदगी का मुख्य कारण है। साथ ही पटरियों के इतना करीब होने से उनकी भी जान हमेशा खतरे में रहती है। ऐसे में इन झुग्गियों को हटाए जाने से ही सफाई व सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सकेगा। इसके लिए निर्धारित प्रक्रिया के तहत रेलवे समय – समय पर इन झुग्गियों को हटा रहा है। 


रेल मंत्री को सूचना न होने पर भी दी सफाई 
मंडल रेल प्रबंधक ने कहा कि रेल संपत्ति की रक्षा करना रेल अधिकारियों की जिम्मेदारी है। ऐसे में देशभर में रेलवे के अधिकारी इस तरह के अतिक्रमण को हटाने का काम पूरे साल करते हैं। इस वर्ष भी इस तरह के कई अभियान चलाए गए हैं। इस तरह के अभियान के लिए अधिकृत अधिकारी ही जिम्मेदार होते हैं। ऐसे में रेल मंत्री को इस तरह के अभियान के लिए बताना या उनकी अनुमति लेने की व्यवस्था नहीं है। 


सुरक्षा और सफाई के लिए जारी रहेगा अभियान 
दिल्ली में पटरियों के किनारे लगभग 47हजार अवैध झुग्गियां हैं। इनसे रेल गाड़ियों का परिचालन प्रभावित होता है। दिल्ली मंडल रेल प्रबंधक ने बताया कि लगभग 22 हजार झुग्गियां पटरी से 15 मीटर की दूरी के अंदर हैं। इलाके को सेफ्टी जोन के तौर पर जाना जाता है। इसके अंदर किसी भी झुग्गि को हटाने के लिए रेलवे को किसी की अनुमति की जरूरत नहीं होती है। उन्होंने बताया कि नियमों के तहत जल्द ही अभियान चला कर और भी झुग्गियों को हटाने का काम किया जाएगा। 


झुग्गियों को हटाने के लिए दिल्ली सरकार को दिए 11 करोड़ 
मंडल रेल प्रबंधक ने बताया कि दिल्ली में रेल पटरियों के किनारे से झुग्गियों को हटाने के लिए रेलवे ने अब तक 11 करोड़ रुपये राज्य सरकार की संस्था दिल्ली अर्बन शेल्टर इंप्रूवमेंट बोर्ड को दिए जा चुके हैं। 06 क्लस्टरों को पटरियों के किनारे हटाया जाना है। राज्य सरकार की संस्था से मिली जानकारी के अनुसार झुग्गियों को स्थानांतरित करने के लिए सर्वे का काम किया जा रहा है। 


दिल्ली सरकार ने मांगी थी जमीन और समय 
रेल पटरियों के किराने से झुग्गियों को हटाने के लिए दिल्ली सरकार ने रेलवे से जमीन, झुग्गियों को बनाने के लिए पैसा और पांच वर्ष का समय मांगा था। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार रेलवे की कई सारी योजनाओं पर काम चल रहा है। रेल यात्रियों व आम लोगों के हितों में ध्यान में रख कर कई नए प्रोजेक्ट भी बनाए जाने हैं। ऐसे में दिल्ली सरकार को जमीन देने से मना कर दिया गया है।



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