लखनऊ : राज्य सरकार ने समायोजित हुए शिक्षामित्रों को नए वर्ष के तोहफे के रूप में उनका रुका हुआ वेतन जारी करने को मंजूरी दे दी है। अब उन्हें नवम्बर के वेतन के साथ सितम्बर और अक्टूबर का वेतन एरियर के रूप में मिलेगा। एक-एक शिक्षामित्र को लगभग 92 हजार रुपए मिलेंगे।
मंगलवार को न्याय विभाग से सकारात्मक राय मिलने बाद देर शाम बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव आशीष कुमार गोयल ने आदेश जारी कर दिया गया। सोमवार को ही मुख्य महाधिवक्ता ने शिक्षामित्रों को वेतन जारी करने के संबंध सहमति दे दी थी। वहीं मंगलवार को न्याय विभाग ने भी इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई।
अब शिक्षामित्रों को सितम्बर, अक्टूबर का वेतन एरियर के रूप में नवम्बर के वेतन के साथ दिया जाएगा। वहीं यदि वेतन मिलने में एक हफ्ते का समय लगा तो दिसम्बर का वेतन भी साथ ही मिलेगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा 12 सितम्बर को शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द होने के बाद उनके वेतन पर रोक लग गई थी। 7 दिसम्बर को सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस फैसले पर रोक लगाने के बाद से उन्हें वेतन दिए जाने की कार्रवाई चल रही थी।
पहले बैच को ही मिल रहा है वेतन
यूपी में अभी तक लगभग 1.35 लाख शिक्षामित्रों का समायोजन हो चुका है लेकिन इनमें से केवल पहले बैच में समायोजित शिक्षामित्रों को ही वेतन दिया जा रहा है। दूसरे बैच में समयोजित हुए लगभग 77 हजार शिक्षामित्रों को वेतन मिलना अभी शुरू नहीं हुआ है क्योंकि उनके प्रमाणपत्रों का सत्यापन अभी तक नहीं हुआ है। इस बीच आला अधिकारियों के निर्देश के बाद इसमें तेजी आई है और यूपी बोर्ड की सचिव शैल यादव ने एक हफ्ते के भीतर सत्यापन करने के निर्देश दिए हैं।
खुश हुए शिक्षामित्र
आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र शाही ने राज्य सरकार को बधाई देते हुए कहा है कि अब सरकार का दायित्व है कि बचे हुए 77 हजार शिक्षामित्रों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन भी जल्द कर उनका भी वेतन जारी करे। वहीं उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष गाजी इमाम आला ने कहा है कि सरकार ने शिक्षामित्रों का साथ हर कदम पर निभाया। वेतन देकर उनके घरों में खुशियां लौटाई हैं। दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार यादव ने भी मुख्यमंत्री, बेसिक शिक्षा मंत्री और विभागीय सचिव के प्रति आभार व्यक्त किया है।