नई दिल्ली । लांस नायक हनुमंथप्पा कोप्पड बेहोश हैं और उनकी हालत बेहद गंभीर है। सियाचिन ग्लेशियर से विमान के जरिए यहां लाए जाने के बाद आर्मी हॉस्पिटल रिसर्च एंड रेफरल ने यह बात कही। हनुमंथप्पा छह दिनों तक बर्फ के नीचे दबे रहने के बाद चमत्कारिक तरीके से जीवित पाए गए हैं। हनुमनथप्पा को देखने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दिल्ली के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल गए और कहा कि वह अभूतपूर्व सैनिक हैं जिनके अदम्य साहस और धैर्य को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है।
अस्पताल द्वारा जारी एक चिकित्सा बुलेटिन में बताया गया कि सौभाग्य से उन्हें ठंड में रहने से संबंधित तुषार दंश या हड्डी में चोट नहीं है। बुलेटिन में कहा गया है, ”उनकी बेहोशी की हालत के मद्देनजर उनकी श्वांस नली और फेफड़े की रक्षा के लिए उन्हें कृत्रिम जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है। उनकी हालत बेहद गंभीर बनी हुई है और शरीर को फिर से गर्म करने और शरीर के ठंडे पड़ चुके हिस्सों में रक्त का प्रवाह स्थापित करने की वजह से पैदा हुई जटिलताओं के कारण अगले 24 से 48 घंटे काफी कठिन रहने का अनुमान है। सैनिक को पहले अधिकारियों ने मृत घोषित कर दिया था लेकिन वह कल सचेत लेकिन नींद से भरे हुए पाए गए थे। उन्हें बचाव अभियान के दौरान पाया गया था। बुलेटिन में कहा गया है, ”वह फिलहाल बेहोश हैं और निम्न रक्त चाप के साथ अब भी सदमे में हैं। उन्हें निमोनिया है और उनकी जांच में पता चला है कि उनका जिगर और गुर्दा सामान्य रूप से नहीं कार्य कर रहा है। बुलेटिन में कहा गया है, ”उनका शरीर गंभीर रूप से निर्जलीकरण, हाइपोथर्मिक, हाइपोक्सिक, हाइपोग्लाइसेमिक और सदमे से ग्रस्त है। उन्हें तत्काल घटनास्थल पर चिकित्सकों ने पुनर्जीवित किया। चिकित्सक पिछले पांच दिनों से किसी जीवित बचने वाले व्यक्ति की उम्मीद में वहां मौजूद थे।
कोप्पड़ को हेलिकॉप्टर से आज घटनास्थल से एक चिकित्सा विशेषज्ञ के साथ सियाचिन आधार शिविर लाया गया। वहां से उन्हें थोइस वायु सेना ठिकाने पर ले जाया गया।