लखनऊ. मशहूर शायर मुनव्वर राणा की मां आयशा खातून (85) का निधन हो गया है। लंबी बीमारी के बाद मंगलवार को उन्होंने लखनऊ स्तिथ सहारा हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। बता दें, मुनव्वर की मां पर लिखी कविताएं खूब मशहूर हुई थीं। अभी बीते दिनों टीवी चैनल पर साहित्य अकादमी अवार्ड लौटाकर मुनव्वर चर्चा में आए थे।
मुनव्वर के बेटे तबरेज राणा ने बताया, दादी की किडनी में दिक्कत थी। सबसे पहले उनका पीजीआई में इलाज हुआ। यहां से जब आराम नहीं हुआ तो सहारा हॉस्पिटल में भर्ती राया गया। मंगलवार को उनकी तबियत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें आईसीयू में रखा गया था। दोपहर में उनकी मौत हो गई। परिजन उन्हें उनके पैत्रिक निवास रायबरेली लेकर गए हैं, जहां कल उनका अंतिम सस्कार किया जाएगा।
आयशा खातून रायबरेली के ऊंचाहार तहसील के मालिकाना गांव की रहने वाली थीं। मुनव्वर राणा के पिता अनवर राणा कलकत्ता में ट्रांसपोर्ट का काम करते थे। मुनव्वर 6 भाई और एक बहन थे। इसमें से एक भाई का इंतकाल हो गया है।
1- मुनव्वर राना
2- इस्माइल राना
3- यध्या राना (स्वर्गीय)
4- राफे राना
5- शकील राना
6- जमील राना
7- शाहीन राना ( बहन)
ये हैं मुनव्वर की मां पर लिखी मशहूर कविता
मेरी मां सजदे में रहती है
इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है
मां बहुत गुस्से में होती है तो रो देती है
बुलंदियों का बड़े से बड़ा निशान छुआ
उठाया गोद में मां ने तब आसमान छुआ
घेर लेने को मुझे जब भी बलाएं आ गईं
ढाल बनकर सामने मां की दुआएं आ गईं
जरा-सी बात है लेकिन हवा को कौन समझाये
दिये से मेरी मां मेरे लिए काजल बनाती है
लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती
बस एक माँ है जो मुझसे खफा नहीं होती
ये ऐसा कर्ज है जो मैं अदा कर ही नहीं सकता
मैं जब तक घर न लौटूं मेरी मां सजदे में रहती है।