नई दिल्ली. आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को मौद्रिक नीति की समीक्षा पेश करते हुए ब्याज दरों में कटौती का ऐलान कर दिया है. आरबीआई ने मुख्य नीतिगत दर 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.5 प्रतिशत किया गया है.
कम हो सकती है EMI
इस कटौती से होम लोन और कार लोन की ईएमआई कम होने की संभावना है. कैश रिजर्व रेट 95 फीसदी से घटाकर 90 फीसदी की गई है. नई ब्याज दरें 16 अप्रैल से लागू की जाएंगी. आरबीआई ने कहा कि वह आने वाले दिनों में भी नीतिगत नरमी का रूख बनाए रखेगा.
आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष 2016-17 के लिए वृद्धि का अपना अनुमान 7.6 प्रतिशत पर बरकरार रखा. सीआरआर चार प्रतिशत था जिसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है. घोषणा के बाद बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में 300 अंक की गिरावट देखी गई.
आरबीआई का अनुमान सातवें वेतन आयोग से दो साल में मुद्रास्फीति पर 1-1.5 प्रतिशत असर होगा, वित्त वर्ष 2016-17 में खुदरा मुद्रास्फीति पांच प्रतिशत के आस पास रहेगी. वहीं आरबीआई ने कस्टोडियन बैंक, जैसे अलग-अलग तरह की बैंकिंग के लाइसेंस देने का संकेत दिया जो बड़े और दीर्घकालिक रिण देने का काम करते हैं.
आरबीआई ने एमएसएफ पर ब्याज 0.75 प्रतिशत घटाई और रिवर्स रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की ताकि कॉल मनी दर का रेपो दर से बेहतर तालमेल हो सकें. इससे एमएफएस पर ब्याज दर 7.0 प्रतिशत और रिवर्स रैपो दर 6.0 प्रतिशत हो गई है. बैंक दर भी एमएफएस के अनुरूप 7.0 प्रतिशत कर दी गई है.
रेपो रेट 2011 के बाद सबसे निचले स्तर पर
इस 0.25 फीसदी की कटौती के बाद रेपो रेट मार्च 2011 के बाद सबसे निचले स्तर पर आ गई है.
सेंसेक्स 500 गिरा
मुख्य नीतिगत दर में कटौती आम तौर पर उम्मीद के अनुरूप थी. हालांकि, इसका शेयर बाजार विपरीत असर दिखा और बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स कारोबार के दौरान 500 अंक से भी अधिक नीचे चला गया.