हैदराबाद । हैदराबाद विश्वविद्यालय के एक दलित छात्र द्वारा कथित तौर पर खुदकुशी किए जाने के मामले में दर्ज प्राथमिकी में आज केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय और विश्वविद्यालय के कुलपति के नाम हैं। इस घटना के बाद बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं और दोनों को उनके पदों से हटाने की मांग उठी हैं।
दलित छात्रों के खिलाफ दत्तात्रेय के कहने पर भेदभाव किए जाने के नतीजतन छात्र को यह कदम उठाने के लिए मजबूर होने के आरोपों के साथ पूरे मामले ने राजनीतिक मोड़ ले लिया है। दत्तात्रेय ने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखकर इन छात्रों के कथित ‘राष्ट्रविरोधी कृत्यों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी।
मृत छात्र रोहित वेमुला उन पांच पीएचडी छात्रों में शामिल था जिन्हें पिछले साल अगस्त में हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय से निलंबित कर दिया गया था। वह एक छात्र नेता पर हमले के मामले में एक आरोपी भी था। उन्हें छात्रावास से बाहर भी निकाल दिया गया था। दिल्ली में अपने दफ्तर और आवास के बाहर विरोध प्रदर्शनों का सामना कर रहीं स्मृति ईरानी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह कोई राजनीतिक बयान नहीं देंगी बल्कि तथ्यान्वेषी समिति की रिपोर्ट का इंतजार करेंगी। उन्होंने कहा कि सरकार ना तो विश्वविद्यालय के कामकाज में हस्तक्षेप करती है और ना ही उसका इस पर कोई प्रशासनिक नियंत्रण है। उन्होंने मृत छात्र के परिवार के दुख को साझा किया। कुलपति ने कहा कि अगर अधिकतर छात्र, शिक्षक और प्रशासनिक कर्मी चाहेंगे तो वह पद छोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि उनके मामले में आने से काफी पहले दलित विद्यार्थियों के खिलाफ कार्रवाई हुई थी और वह सजा कम करने के लिए शिक्षकों के साथ काम कर रहे थे।