नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दलित समुदाय के उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार हर मोर्चे पर उनके साथ है। उन्होंने वादा किया कि केंद्र सामाजिक सशक्तीकरण के जरिये दलितों को नौकरी मांगने वाले की बजाय नौकरी देने वाला बनाएगी।
दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (डिक्की) की दसवीं वर्षगांठ पर मोदी ने कहा, दिल्ली में आपका एक दोस्त है और सरकार समाज के निचले तबके के हर शख्स की मजबूती के लिए काम कर रही है। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के योगदान की प्रशंसा करते हुए मोदी ने कहा कि वह न केवल संविधान के निर्माता थे, बल्कि एक विद्वान अर्थशास्त्री भी थे।
उन्होंने कहा कि अंबेडकर ने सही कहा था कि औद्योगिकीकरण से सबसे अधिक लाभ हमारे दलित भाइयों और बहनों को होगा। हालांकि उन्होंने कहा कि यह खेदजनक है कि बाबासाहब ने ही रिजर्व बैंक का विचार रखा था, लेकिन दलितों को ही कर्ज मिलने पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था।
इस मौके पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने कहा कि पिछले वर्ष एससी-एसटी वर्ग के 1़5 लाख लोगों को प्रशिक्षित किया गया। उन्होंने कहा कि सिर पर मैला ढोने के काम से जुड़े 7500 लोगों को छोटा व्यवसाय खड़ा करने के लिए वित्तीय सहायता दी गई है।
दलितों-पिछड़ों का अच्छे कपड़े पहनना पसंद नहीं किया जाता
पीएम ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय से होने के नाते वह सामाजिक भेदभाव को अच्छी तरह समझते हैं। उन्होंने कहा, एक समय था, जब बारात में दलितों को घोड़ी पर चढ़ने नहीं दिया जाता था। जब कोई निचले तबके का व्यक्ति अच्छे कपड़े पहनता था, तो उसे अच्छा नहीं माना जाता था और आज भी यह भावना बनी हुई है। हालांकि उन्होंने दलितों को आगे बढ़ने की सलाह देते हुए कहा कि आपकी हमें मजबूत करेगी।
दलितों का उद्यमी बनना, अंबेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि
उन्होंने कहा कि आज दलित उद्यमी बन कर और करोड़ों रुपये का कर देते हैं और लाखों युवाओं को रोजगार देते हैं। उन्होंने इसे सभी के लिए प्रेरणा और अंबेडकर के लिए सच्ची श्रद्धांजलि बताई। प्रधानमंत्री ने पांच दलित उद्यमियों को कारोबारी उत्कृष्टता सम्मान प्रदान किए। उन्होंने उम्मीद जताई की कि दलित उद्यमी अगले दो वर्ष में दो गुना हो जाएंगे।
अब तक 80 लाख को कर्ज
80 लाख लोगों ने प्रधान मंत्री मुद्रा योजना के तहत अब तक कर्ज लिया
50 हजार करोड़ बैंकों ने बिना जमानत छोटे उद्यमियों को ऋण दिया
एससी-एसटी, ओबीसी और महिला उद्यमी सर्वाधिक ऋण पाने वालों में
200 करोड़ कमजोर वर्ग की कारोबारी मदद के लिए आईएफसीआई को
28 कारोबारों के लिए 144 करोड़ का ऋण दिया आईएफसीआई ने