मुंबई । पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमन हेडली ने आज मुंबई की एक विशेष अदालत को बताया कि 2004 में गुजरात में कथित फर्जी मुठभेड़ में मारी गई कॉलेज छात्रा इशरत जहां आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की सदस्य थी।
अमेरिका से वीडियो-कांफ्रेंसिंग के जरिए दी गई गवाही में हेडली ने मुंबई के मुंब्रा इलाके की रहने वाली 19 साल की इशरत का नाम उस वक्त लिया जब विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने हेडली से उस ”चौपट हो चुके अभियान के बारे में पूछा जिसका जिक्र लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी ने हेडली से किया था। हेडली ने अदालत को बताया कि लखवी ने उसे भारत में एक ”चौपट हो चुके अभियान के बारे में बताया था। इस अभियान का संचालन लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य मुजम्मिल बट्ट कर रहा था और इसमें आतंकवादी संगठन की एक महिला सदस्य मारी गई थी। अभियान के बारे में विस्तार से पूछे जाने पर हेडली ने कहा, ”लश्कर-ए-तैयबा में एक महिला शाखा थी जिसकी अगुवाई अबु आयमान की मां कर रही थी। जकी साहब :जकी-उर-रहमान: ने मुझे भारत में बट्ट के चौपट हो चुके अभियान के बारे में बताया था। यह पुलिस के साथ किसी मुठभेड़ की बात थी।ÓÓ हेडली ने कहा, ”मुझे नहीं पता कि भारत के कौन से हिस्से में यह हुआ था। पर इस मुठभेड़ में एक महिला मारी गई थी। मेरा मानना है कि वह एक भारतीय थी, पाकिस्तानी नहीं थी। लेकिन वह लश्कर-ए-तैयबा की सदस्य थी।ÓÓइसके बाद निकम ने तीन नाम गिनाए, उनमें हेडली ने इशरत जहां का नाम लिया। गौरतलब है कि 15 जून 2004 को अहमदाबाद के बाहरी इलाके में गुजरात पुलिस के साथ हुई एक मुठभेड़ में इशरत जहां, जावेद शेख उर्फ प्राणेश पिल्लई, अमजदअली अकबरअली राणा और जीशान जोहा नाम के चार लोग मारे गए थे।
ज्ञातव्य है कि हेडली अमेरिकी जांच एजेन्सियां सीआईए और एफबीआई का एजेंट था और बहुत दिनों तक अमरीका ने हमारे जांचकर्ताओं को हेडली से मिलने को मना कर दिया था। जब तक हेडली अमरीका की हिरासत में है उसकी गवाही पर आंख बंद कर विश्वास नहीं किया जा सकता। जहां तक इशरत जहां का मामला है उस पर हमारी सीबीआई द्वारा विस्तृत जांच पहले की जा चुकी है।