लखनऊ। प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन आज सुबह महोबा पहुंचे और दो गावों छानी व रैपूरा में किसानों की चौपाल लगायी। किसानों ने उनको बुंदेलखण्ड के सूखे से रूपरू कराया। मुख्य सचिव ने माना पूरा बुंदेलखण्ड भयंकर सूखे की चपेट में है। किसानों की मांग पर उन्होंने सर्वे कराकर बड़े पैमाने पर नलकूप लगवाने को कहा
ताकि खेती को पानी मिल सके और सूखेसे काफी हद तक निपटा जा सके। मुख्य सचिव ने कहा मुख्यमंत्री और शासन सूखे के प्रति बहुत संवेदनशील और चिन्तित है, इससे निपटने के लिए कार्ययोजना बन चुकी है। रैपुरा में उनको किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ा, बांदा के बड़ुई गांव में रात में उनके रुकने के लिए भव्य
वस्वस्था की गयी है। मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कहा कि सरकार की कार्ययोजना के अनुसार तेजी से काम करें, इसमें लापरवाही किसी कीमत पर माफ नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि मजदूरों और गरीबों का पलायन रोकने के लिए मनरेगा में 100 के बजाय 150 दिवस की मजदूरी देने के आदेश पहले ही कर दिए गए हैं। उन्होंने रवी की केवल 15 फीसदी बुआई हो पाने पर चिंता जतायी और कहा ऐसी स्थिति आगे न आए इसके
लिए इंतजाम किए जाएंगे। मुख्य सचिव ने किसानों के हर सवाल का जवाब दिया और भरोसा दिलाया उनको हर मदद मिलेगी। अन्ना जानवरों की बड़ी समस्या पर उन्होंने कहा कि इस पर अधिकारियों से बात करेंगे, जानवरों की नस्ल सुधर जाए और गाय-भैंस दूध देनें लगें तो खुद लोग नहीं छोड़ेंगे। मुख्य सचिव ने छात्राओं को कन्या विद्याधन, बागवानी करने वाले किसानों को चेकें व महिलाओं को खाद्यान्न वितरित किया। रैपुरी गांव पहुंचने पर किसानों ने खूब नारेबाजी की, हमारी मागें पूरी करो, सूखे से निपटने के इंतजाम करो के नारों से पंडाल गूंजा तो अफसरों के होश उड़ गए। दस मिनट तक नारेबादी के बाद किसान तभी माने जब खुद मुख्य सचिव ने उनको समझाया और हर तरह की मदद का आश्वासन दिया। महोबा के बाद मुख्य सचिव बांदा पहुंचेंगे जहां के गांव बड़ुई में रात को पांच अन्य प्रमुख सचिवों के साथ डेरा जमाएंगे। मुख्य सचिव के लिए प्राइमरी स्कूल के मैदान में शानदार सेफ हाउस तैयार किया गया है। कालीन, सोफे लाइटिटंग की पूरी व्यवस्था की गयी है। इसके अलावा प्रमुख सचिवों के लिए स्कूल के पांच कमरे सजाए गए हैं, पर्दे और सोफे डालकर इनको भी सुसज्जित किया गया है। कमिश्नर, डीएम, एसपी के लिए अलग व्यवस्था है। खाने के लिए शहर से कुक बुलाए गए हैं, पूरा स्कूल गेस्ट हाउस में तब्दील कर दिया गया है। रात में सारे अफसर गांव का भ्रमण करेंगे और अलाव के साथ चौपाल की व्यवस्था की गयी है।