अयोध्या मंदिर का ताला खुलवाना राजीव का गलत निर्णय था : प्रणब
बाबरी मस्जिद को गिराया जाना ‘पूर्ण विश्वासघात’
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज जारी अपने संस्मरण में कहा कि अयोध्या में रामजन्मभूमि मंदिर का ताला खुलवाना प्रधानमंत्री राजीव गांधी का ”गलत निर्णय था तथा बाबरी मस्जिद गिराया जाना ”पूर्ण विश्वासघात जिसने भारत की छवि नष्ट कर दी। राष्ट्रपति ने पुस्तक ”द टर्बुलेंट ईयर्स:1980…1996 में लिखा है, ”राम जन्मभूमि मंदिर को एक फरवरी 1986 को खोलना शायद एक और गलत निर्णय था। लोगों को लगता है कि इन कदमों से बचा जा सकता था। पुस्तक का विमोचन उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने किया है।
मुखर्जी कहते हैं, ”बाबरी मस्जिद को गिराया जाना एक पूर्ण विश्वासघाती कृत्य था…एक धार्मिक ढांचे का विध्वंस निरर्थक था और यह पूरी तरह से राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए था। इससे भारत और विदेशों में मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को गहरा आघात लगा। इसने एक सहिष्णु और बहुलतावादी देश के तौर पर भारत की छवि को नष्ट किया। उन्होंने कहा कि मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करने से ”समाज में सामाजिक अन्याय कम करने में मदद मिली, यद्यपि इसने हमारी जनसंख्या के विभिन्न वर्गों को बांटा और उनका ध्रुवीकरण किया। उन्होंने कहा 1989…1991 की अवधि एक ऐसा चरण था जिसमें हिंसा और भारतीय समाज में दुखद रूप से फूट का प्रभुत्व रहा। उन्होंने कहा, ”जम्मू कश्मीर में आतंकवाद एवं सीमापार आतंकवाद शुरू हुआ, राम जन्मभूमि मंदिर…बाबरी मस्जिद मुद्दे ने देश को हिलाकर रख दिया। अंतत: 21 मई 1991 को अचानक एक आत्मघाती हमलावर ने राजीव के जीवन का दुखद अंत कर दिया। राष्ट्रपति ने 1980-96 के कालखंड में राजनीतिक उथल-पुथल के बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा कि सरकार में रहते हुए उनके कार्यकाल के कुछ तथ्य उनके साथ ही चले जाएंगे। मुखर्जी ने कहा कि वह अत्यंत गोपनीय मामलों पर जानबूझकर नहीं बोलते। उन्होंने अपनी डायरी में हर रोज एक पन्ना लिखने की अपनी पुरानी आदत का उल्लेख किया जिसमें कुछ गोपनीय तथ्य होते हैं। मुखर्जी ने कहा, ”इसलिए मैंने अपनी बेटी को सलाह दी है कि इसे कभी सार्वजनिक नहीं करे। उसीके पास यह डायरी है।