प्रि‍यंका-मालि‍नी सहित यूपी की नौ हस्‍ति‍यों को मिलेगा पद्मश्री

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लखनऊ। केंद्र सरकार ने पद्मश्री अवॉर्ड पाने वालों की घोषणा कर दी गई है। कुल 118 लोगों की सूची में यूपी से नौ नाम इस अवॉर्ड के लि‍ए शामि‍ल कि‍ए गए हैं, जि‍न्हें राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी सम्‍मानित करेंगे। यूपी से सम्‍मानित होने वालों में बरेली की बॉलीवुड एक्‍ट्रेस प्रि‍यंका चोपड़ा और भोजपुरी सिंगर मालिनी अवस्‍थी भी सम्‍मानित होंगी। आगे पढ़ि‍ए, सम्‍मानित होने वाले अन्‍य लोगों के नाम…

किंग जार्ज मेडि‍कल यूनि‍वर्सि‍टी (केजीएमयू) के वीसी प्रो. रविकांत और पीडि‍यॉट्रि‍क सर्जन प्रो. एसएन कुरील व डॉ. प्रवीन चंद्रा (केजीएमयू जार्जि‍यन)।
बीएचयू के एमरेट्रस प्रोफेसर डॉ. राम हर्ष सिंह और डॉ. सव्‍य साची सरकार।
डॉ दलजीत सिंह गंभीर और प्रो. ओंकारनाथ श्रीवास्तव भी सम्‍मानित होंगे।
प्रि‍यंका चोपड़ा
बरेली की रहने वाली प्रि‍यंका चोपड़ा ने साल 2000 में मि‍स वर्ल्‍ड का खि‍ताब जीता था।
इसके बाद प्रि‍यंका ने बॉलीवुड में दस्‍तक दी थी।
2005 में फि‍ल्‍म एतराज के लि‍ए सर्वश्रेष्ठ खलनायक का फि‍ल्‍म फेयर अवॉर्ड भी मि‍ल चुका है।
प्रि‍यंका ने अपने जीवन में हि‍न्‍दी सि‍नेमा को कई हि‍ट फि‍ल्‍में दी हैं।
वर्तमान में प्रि‍यंका हॉलीवुड की फि‍ल्‍में भी कर रही हैं।
मालिनी अवस्‍थी
लोककला के क्षेत्र में मालिनी अवस्थी एक जाना पहचाना नाम है।
अपने विशिष्ट योगदान के आधार पर भोजपुरी अकादमी ने अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक राजदूत यानी ब्रैंड एंबैसेडर बनाया था।
साल 2012 में रिलीज हुई बॉलीवुड की फिल्म ‘एजेंट विनोद’ का गाना ‘दिल मेरा मुफ्त का…’ मालिनी अवस्थी ने गाया था।
आमतौर पर मालिनी को लोग ठुमरी, दादरा, कजरी और होरी गाने गाते व नृत्य करते देखा करते थे।
लखनऊ के एक मध्यवर्गीय परिवार में मालिनी अवस्‍थी का जन्‍म हुआ है।
मालिनी अवस्‍थी के पति‍ अवनीश अवस्‍थी प्रशासनि‍क अधि‍कारी हैं।
लोकसंगीत गायकी के लिए 2003 में ‘सहारा अवध सम्मान’ से सम्मानित किया जा चुका है।
2012 के उत्तर प्रदेश चुनाव में भारतीय चुनाव आयोग द्वारा उन्हें ब्रैंड एंबैसेडर भी बनाया गया था।
प्रो. रवि‍कांत
केजीएमयू में 1973 बैच के स्‍टूडेंट रह चुके हैं वर्तमान कुलपति‍ प्रो. रविकांत लगभग 33 साल की मेहनत के बाद पद्मश्री सम्‍मान के लि‍ए चयनि‍त हुए।
अपने जीवनकाल में अब तक प्रो. रविकांत को ब्रिटिश फेलोशिप सहित कई अवॉर्ड मि‍ल चुके हैं।
ऑल इंडि‍या एसोसिएशन ऑफ सर्जिकल आंकोलॉजी के अध्यक्ष भी हैं।
2014 में केजीएमयू के कुलपति पद का पदभार संभाला।
प्रो. एसएन कुरील
प्रो. एसएन कुरील वर्तमान में केजीएमयू के पीडि‍यॉट्रि‍क सर्जरी वि‍भाग में सर्जन होने के साथ ही प्रॉक्‍टर भी हैं।
केजीएमयू में साल 1974 बैच के एमबीबीएस स्‍टूडेंट रह चुके हैं।
साल 1983 में एम्‍स में कुछ महीने तक विशेषज्ञ का पद संभाला था।
1990 में केजीएमयू के पीड्रियॉटिक्स सर्जरी विभाग में शिक्षक के पद पर तैनात हुए। वहीं, साल 2009 में विभाग के प्रमुख बने।

डॉ. सव्‍य साची सरकार
केजीएमयू में साल 1978 बैच के एमबीबीएस स्‍टूडेंट रहे हैं।
1987 में एमडी की पढ़ाई पूरी करने के बाद साल 1989 में सरकार डायग्नोस्टिक सेंटर की शुरुआत की।
गरीब मरीजों की दिक्कतों को देखते हुए सरकार वेलफेयर फाउंडेशन की शुरुआत की।
समय-समय पर गरीब मरीजों की मदद हेल्‍थ कैंप के माध्‍यम से करते रहते हैं।
प्रो. राम हर्ष सिंह
आयुर्वेद के क्षेत्र में प्रो. रामहर्ष सिंह का जाना-माना नाम है।
उन्‍होंने ग्रेजुएशन बीएचयू से कि‍या था।
साल 1982 में पद्मश्री प्रो. केएन सिंह के निर्देशन में डीलि‍ट की उपाधि‍ ली थी।
2003 में राजस्‍थान आयुर्वेद यूनि‍वर्सि‍टी के पहले कुलपति‍ होने का गौरव मि‍ल चुका है।
वर्तमान में बीएचयू में एमरेट्रस प्रोफेसर हैं।
इनकी 12 कि‍ताबें और 200 रि‍सर्च पेपर पब्‍लि‍श हो चुके हैं।

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