नई दिल्ली। प्रधानमंत्री के निर्देश के बाद केंद्र सरकार सूखे की विभीषिका से निपटने में जुट गई है। सूखे इलाकों में रेलगाड़ी और टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जाएगी।
सूखा प्रभावित राज्यों में पेयजल आपूर्ति के लिए संबंधित मंत्रालयों को केंद्र तत्काल धनराशि जारी करेगा। सोमवार को कैबिनेट सचिव ने सूखा प्रभावित राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने सूखा प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति, पशुचारे की उपलब्धता और लोगों का पलायन रोकने के लिए मनरेगा के तहत कार्य मुहैया कराने का निर्देश दिया। बैठक में कृषि, ग्रामीण विकास, पेयजल, स्वच्छता, खाद्य, सार्वजनिक वितरण, जल संसाधन, पशु पालन, गृह, वित्त और रेल मंत्रालयों के सचिवों ने हिस्सा लिया।
इस मौके पर केंद्रीय सूखा राहत आयुक्त ने पिछले दो साल के सूखे पर विस्तार से प्रस्तुति दी। इसमें खेती की चुनौतियों और किसानों की कठिनाइयों का भी जिक्र किया गया। सूखे के दौरान प्रभावित राज्यों में चलाए गए राहत अभियान की समीक्षा भी की गई। इसमें किसानों को डीजल, बीज, बागवानी और पशुचारे पर सब्सिडी का मुद्दा प्रमुख था।
राज्यों को तत्काल पशुचारा खरीदने के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत धनराशि दी जाएगी। राज्य सरकारों को राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत सहायता के लिए तत्काल केंद्र से संपर्क करने को कहा गया है।
समीक्षा बैठक में ग्रामीण विकास मंत्रालय को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि प्रत्येक राज्य में मनरेगा के तहत एक सौ दिन के निर्धारित मानव दिवस को बढ़ाया जाए। मजदूरों को मजदूरी का भुगतान करने के लिए भी कहा गया। कैबिनेट सचिव सूखे की नियमित समीक्षा करते रहेंगे। राज्य आपदा कोष से तत्काल ही सूखा राहत मुहैया कराने के लिए मौजूदा हालात के मद्देनजर मानक में बदलाव के भी निर्देश दिए गए हैं।