मुंबई। 26/11 मुंबई हमले मामले में आरोपी डेविड हेडली की मुंबई कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेशी हुई। हेडली ने कहा कि अगर उसे माफी मिल जाए तो वह सरकारी गवाह बनने को तैयार है। सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने कोर्ट में कहा कि सरकार हेडली को वादामाफ गवाह बनाने को तैयार है। मुंबई कोर्ट ने उसे माफी देते हुए सरकारी गवाह बनने की इजाजत दे दी।
नवंबर में मुंबई सत्र न्यायालय ने 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के मामले में डेविड हेडली को आरोपी बनाने का फैसला सुनाया था। मुंबई पुलिस की अर्जी पर कोर्ट ने पूछा था कि हमलों में हेडली की भूमिका साबित होने के बावजूद पुलिस ने उसे आरोपी क्यों नहीं बनाया था। फैसले के बाद विशेष सरकारी वकील उज्जवल निकम ने कहा था कि हेडली एक साजिशकर्ता है और कोर्ट ने अर्ज़ी स्वीकार करते हुए कहा है कि 10 दिसंबर को वीडियो लिंक के जरिये उसे कोर्ट में हाजिर किया जाए।
कौन है हेडली?
हेडली ने 2006 और 2008 के बीच कथित तौर पर पांच बार भारत का दौरा किया और इस दौरान उसने ताज, ओबेरॉय होटल और नरिमन हाउस जैसी जगहों पर जाकर वीडियो फुटेज बनाए जिसे आतंकवादियों ने 26 नवंबर, 2008 को निशाना बनाया था। मुंबई के प्रमुख स्थानों पर हेडली की ओर से टोह लिए आने के आधार पर ही लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने हमले को अंजाम दिया था।
पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आंतकी डेविड हेडली को लश्कर ए तैयबा का अंडरकवर एजेंट बताया जाता है और उन्होंने लश्कर के ट्रेनिंग कैंप में हिस्सा लिया था। 24 जनवरी 2013 को अमेरिका की संघीय अदालत ने हेडली को दोषी करार दिया था और मुंबई हमले में भूमिका के लिए 35 साल की जेल सुनाई गई थी।