जेएनयू में एबीवीपी के सदस्यों ने नहीं लगाए थे देश विरोधी नारे, कन्हैया की गिरफ्तारी सही : बस्सी
नई दिल्ली। पटियाला कोर्ट परिसर में आज उस समय मारपीट और हिंसा का नजारा देखने को मिला जब वकीलों के एक समूह ने पत्रकारों ,जेएनयू के छात्रों , ओैर अध्यापकों तथा कुछ अज्ञात लोगों को राष्ट्रविरोधी बताते हुए अदालत के अंदर और बाहर मारा पीटा और हिंसा की।
अदालत परिसर में मौजूद दिल्ली भाजपा के विधायक ओमप्रकाश शर्मा भी वकीलों के इस समूह में शामिल हो गए जिसने भाकपा के एक कार्यकर्ता अमीक जमई की पिटाई की। उन्हें तुगलक रोड थाना ले जाया गया।
हिंसा उस समय भड़की जब जेएनयूएसयू के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट लवलीन के समक्ष पेश किया जाना था। कुमार पर राष्ट्रद्रोह का आरोप लगाया गया है। उसे रिमांड प्रक्रिया के लिए वहां लाया जाना था लेकिन बाद में उसे दूसरी जगह ले जाया गया। राष्ट्रभक्त होने का दावा करने वाले वकीलों ने पहले जेएनयू के छाता्रें और अध्यापकों को अदालत के अंदर निशाना बनाया। उन्होंने उन्हें यह कहकर पीटा कि जेएनयू राष्ट्रविरोधी तत्वों और आतंकवादियों का ‘अड्डाÓ बन गया है। टीवी के एक रिपोर्टर पर और एक महिला पत्रकार पर यह धमकी देकर हमला किया गया कि उनकी हड्डियां और उनके फोन तोड़ दिए जाएंगे। अदालत के बाहर वकीलों के एक और समूह ने पत्रकारों, जेएनयू के छात्रों और यहां तक कि अदालत के अधिकारियों को भी पीटा। वित्त मंत्री अरूण जेटली द्वारा दायर मानहानि के मामले की सुनवाई के संदर्भ में अदालत परिसर में मौजूद भाजपा विधायक ओमप्रकाश शर्मा को भी जमई को पीटते देखा गया। कुछ समय के लिए जेटली भी अदालत परिसर में मौजूद थे।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कल दावा किया था कि संसद हमले के दोषी अफजल गुरू की फांसी कखिलाफ जेएनयू में आयोजित कार्यक्रम को लश्कर के सरगना हाफिज सईद का समर्थन हासिल था।
जेएनयू विवाद पर पहली बार बोलते हुए शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल से जेएनयू मुद्दे पर बहुत से सवाल किए और कहा कि उन्हें अपने बयानों और मांगों के लिए माफी मांगनी चाहिए।