लखनऊ । इलाहाबाद उ’च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक और कैबिनेट मंत्री आजम खां के बीच कथित संवाद से जुड़े मसले में हस्तक्षेप से शुक्रवार इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति अमरेश्वर प्रताप साही और न्यायमूर्ति अताउर्रहमान मसूदी की पीठ ने स्थानीय वकील अशोक पाण्डेय की याचिका पर उक्त बात कही। अदालत ने कहा कि इस उम्मीद और अपेक्षा से याचिका रिकार्ड में रखी जानी चाहिए कि संवैधानिक पद राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और संबद्ध मंत्री जल्द से जल्द इस मसले का समाधान कर लेेंगे।
याचिकाकर्ता ने आजम को राज्य मंत्रिपरिषद से हटाए जाने का निर्देश देने का आग्रह अदालत से किया था। याचिका में आजम के कथित आचरण पर राज्यपाल की नाराजगी को आधार बनाया गया था। आठ मार्च को राज्य विधानसभा में आजम की टिप्पणियों पर नाईक ने आपत्ति व्यक्त की थी। उन्होंने आजम को हटाने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है।