बिहार को पांच नए मेडिकल कॉलेज की सौगात

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पटना : नीतीश कुमार ने कहा की राज्य में पांच नए मेडिकल कालेज खोले जाएंगे। इसके अलावा स्वास्थ्य क्षेत्र को साधन- संसाधन संपन्न बनाने के भी अनेक बड़े फैसले राज्य सरकार ने लिए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चुनाव पूर्व निश्चय के तहत ये फैसले लिए गए हैं। इसके तहत सभी मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग कॉलेज, अनुमंडलों में एएनएम और जिलों में एक-एक जीएनएम स्कूल खोलने का भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया है।
मुख्यमंत्री ने गुरुवार को चिकित्सा क्षेत्र की समीक्षा बैठक बुलाई थी। मुख्यमंत्री ने यह निर्देश भी दिया कि शराब की लत छुड़ाने के लिए हर जिले में एक डी एडिक्शन सेन्टर की स्थापना स्वास्थ्य विभाग करे। इसके लिए सचिव स्वास्थ्य विभाग सारी व्यवस्था करेंगे।


बैठक के बाद प्रधान स्वास्थ्य सचिव आरके महाजन ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पीएमसीएच, एनएमसीएच और आइजीआइसी को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का अस्पताल बनाने का निर्देश दिया है। साथ ही इन सभी कार्यों को तय समय सीमा में पूरा करने को कहा है। पीएमसीएच में असाध्य रोगों के इलाज की व्यवस्था की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने सभी अस्पतालों में मुफ्त दवा वितरण अबाध रूप से चलाने का निर्देश दिया है। सभी जिला अस्पतालों में चार शय्या वाली गहन चिकित्सा यूनिट को दस बेड के आईसीयू में बदला जाएगा। हर जिले के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में रेडियोलॉजी एवं पैथेलॉजी जॉच की सुविधा होगी। सभी मेडिकल कॉलेजों में एमआरआई व सिटी स्कैन मशीन तुरत लगाई जाएगी।ये पीपीपी मोड में होंगी।


डाक्टरों की उपस्थिति को औचक निरीक्षण
सीएम ने निर्देश दिया कि 212 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों व पारा मेडिकल स्टाफों की कमी दूर की जाए। राज्य स्तर पर एक टीम का गठन किया जाए, जो डॉक्टरों एवं पारा मेडिकल स्टाफों की उपस्थिति का औचक निरीक्षण करे।
अनुपस्थित पाए जाने पर आवश्यक कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि चिकित्सकों, नर्सों एवं एएनएम कमियों की कमी को अभियान चलाकर दूर किया जाए। राज्य स्तर पर निरीक्षण दल का गठन कर मरीजों का भोजन एवं अस्पताल की सफाई का औचक निरीक्षण कराएं। दोषियों के विरूद्घ आवश्यक कार्रवाई करें।

डिस्चार्ज से पहले दी जाए राशि

सीएम ने निर्देश दिया कि जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत प्रत्येक अस्पतालों में मरीजों को डिस्चार्ज करने के बाद 1400 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है। यह पैसा उन्हें डिस्चार्ज होने से पहले दिया जाए। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में हर हालत में लैंडलाइन फोन कार्यरत रहे।
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र लैंडलाइन कनेक्टिविटी नहीं रहने के लिए जिम्मेवार होंगे। परियोजना निदेशक राज्य स्वास्थ्य समिति अपने यहां एक सेल गठित कर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की गतिविधियों की जानकारी प्राप्त करेंगे।


एम्बुलेंस की मॉनिटरिंग जीपीएस से
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि एम्बुलेंस के परिचालन की मॉनिटरिंग जीपीएस सिस्टम से कराई जाए। सेक्स रेशियो में संतुलन के लिए लड़कियों के स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान देना होगा। कालाजार से पीड़ित मरीज को तीस दिनों की मजदूरी नए दर से दिए जाएंगे। एटेंडेंट को दो दिनों का वेज लॉस दिया जाए।


मुख्यमंत्री ने प्रधान सचिव स्वास्थ्य को कहा कि दूरदराज एवं सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकों की पोस्टिंग होती है, अगर उन्हें विशेष इंटेंसिव देने का कोई प्रस्ताव है तो सरकार के समक्ष पेश किया जाए। शीघ्र हेल्थ इन्वेस्ट पॉलिसी लागू की जाए, इस पॉलिसी के लागू हो जाने से प्राइवेट सेक्टर भी स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश कर सकेंगे। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, प्रधान स्वास्थ्य सचिव आरके महाजन, प्रधान वित सचिव रवि मितल उपस्थित थे।


राज्य में सरकारी क्षेत्र में 10 व निजी क्षेत्र में 04 मेडिकल कॉलेज हैं
50 लाख की आबादी पर एक के अनुपात में 8 और कालेज चाहिए


पटना में चार पीएमसीएच, एनएमसीएच आईजीआईएमएस और एम्स, दरभंगा में एक, मुजफ्फरपुर में एक, भागलपुर में एक, गया में एक, बेतिया में एक और पावापुरी में एक मेडिकल कालेज है।


राजकीय क्षेत्र में प्रस्तावित मेडिकल कालेज:
-समस्तीपुर, छपरा और पूर्णिया में तीन नये मेडिकल कालेज प्रस्तावित हैं। जमीन देखी जा चुकी है। भूमि हस्तांतरण के बाद शीघ्र शुरू हो सकता है निर्माण कार्य।

निजी क्षेत्र में चार मेडिकल कालेज हैं बिहार में:
-कटिहार, किशनगंज, सासाराम और सहरसा। सहरसा मेडिकल कालेज की मान्यता वर्तमान में नहीं है।
-मधेपुरा में बिहार सरकार द्वारा मेडिकल कालेज का निर्माण कराया जा रहा है।

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