लखनऊ. यूपी के शिक्षामित्रों के लिए राहत वाली खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने उनके बीटीसी या इसके बराबर ट्रेनिंग देने के खिलाफ दाखिल पीआईएल को रिजेक्ट कर दिया है। इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी ऐसी पीआईएल खारिज कर दी थी।
कोर्ट ने क्या कहा?
– जस्टिस एफएमआई कलीफुल्लाह की बेंच ने शुक्रवार को संजीव कुमार राघव और अन्य लोगों की पीआईएल पर सुनवाई से इनकार कर दिया।
– कोर्ट ने कहा- “इसमें ऐसा कुछ नहीं जिस पर नोटिस जारी किया जाए।”
– कोर्ट ने पिटीशनरों से कहा कि वह चाहें तो हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
– इसपर पिटीशनरों ने कहा कि वे पीआईएल वापस लेना चाहते हैं, बेंच ने इसे मंजूर कर लिया।
– कोर्ट ने कहा- “इसमें ऐसा कुछ नहीं जिस पर नोटिस जारी किया जाए।”
– कोर्ट ने पिटीशनरों से कहा कि वह चाहें तो हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
– इसपर पिटीशनरों ने कहा कि वे पीआईएल वापस लेना चाहते हैं, बेंच ने इसे मंजूर कर लिया।
क्या है पूरा मामला?
– उत्तर प्रदेश सरकार ने 1.72 लाख शिक्षामित्रों को असिस्टेंट टीचर के तौर पर एडजस्ट करने से पहले बीटीसी या इसके समकक्ष ट्रेनिंग देने का फैसला लिया था।
– राज्य सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चैलेंज किया गया था, जिसे कोर्ट ने ठुकरा दिया था।
– पिटीशनरों की दलील थी कि बिना टीईटी के इस तरह की ट्रेनिंग नहीं दी जा सकती है।
– राज्य सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चैलेंज किया गया था, जिसे कोर्ट ने ठुकरा दिया था।
– पिटीशनरों की दलील थी कि बिना टीईटी के इस तरह की ट्रेनिंग नहीं दी जा सकती है।
हाईकोर्ट ने अप्वॉइंटमेंट पर लगाई थी रोक
– उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में तैनात एक लाख 75 हजार शिक्षामित्र टीचरों का अप्वॉइंटमेंट हाईकोर्ट ने कैंसिल कर दिया है।
– हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की डिविजन बेंच ने यह ऑर्डर दिया था।
– इनके अप्वाइंटमेंट का ऑर्डर बीएसए ने साल 2014 में जारी किया था।
– उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में तैनात एक लाख 75 हजार शिक्षामित्र टीचरों का अप्वॉइंटमेंट हाईकोर्ट ने कैंसिल कर दिया है।
– हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की डिविजन बेंच ने यह ऑर्डर दिया था।
– इनके अप्वाइंटमेंट का ऑर्डर बीएसए ने साल 2014 में जारी किया था।
क्यों कैंसिल हुई थी अप्वॉइंटमेंट?
– शिक्षामित्रों को अप्वॉइंट करने को लेकर वकीलों ने कहा था कि इनकी भर्ती अवैध रूप से हुई है।
– जजों ने प्राइमरी स्कूलों में शिक्षामित्रों की तैनाती बरकरार रखने और उन्हें असिस्टेंट टीचर के रूप में एडजस्ट करने के मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष के वकीलों की कई दिन तक दलीलें सुनी थी। इसके बाद फैसला दिया था।
– शिक्षामित्रों को अप्वॉइंट करने को लेकर वकीलों ने कहा था कि इनकी भर्ती अवैध रूप से हुई है।
– जजों ने प्राइमरी स्कूलों में शिक्षामित्रों की तैनाती बरकरार रखने और उन्हें असिस्टेंट टीचर के रूप में एडजस्ट करने के मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष के वकीलों की कई दिन तक दलीलें सुनी थी। इसके बाद फैसला दिया था।
किस ग्राउंड पर हुई था ऑर्डर?
– हाईकोर्ट ने कहा था, ”चूंकि ये टीईटी पास नहीं हैं, इसलिए असिस्टेंट टीचर के पदों पर इन्हें अप्वॉइंट नहीं किया जा सकता।”
– शिक्षामित्रों की तरफ से वकीलों ने कोर्ट को बताया था कि सरकार ने नियम बनाकर इन्हें एडस्ट करने का फैसला लिया है।
– इसलिए इनके अप्वॉइंटमेंट में कोई कानूनी दिक्कत नहीं है।
– यह भी कहा गया कि शिक्षामित्रों का सिलेक्शन प्राइमरी स्कूलों में टीचरों की कमी दूर करने के लिए किया गया है।
– हाईकोर्ट ने कहा था, ”चूंकि ये टीईटी पास नहीं हैं, इसलिए असिस्टेंट टीचर के पदों पर इन्हें अप्वॉइंट नहीं किया जा सकता।”
– शिक्षामित्रों की तरफ से वकीलों ने कोर्ट को बताया था कि सरकार ने नियम बनाकर इन्हें एडस्ट करने का फैसला लिया है।
– इसलिए इनके अप्वॉइंटमेंट में कोई कानूनी दिक्कत नहीं है।
– यह भी कहा गया कि शिक्षामित्रों का सिलेक्शन प्राइमरी स्कूलों में टीचरों की कमी दूर करने के लिए किया गया है।