बिजनौर : एनआईए अफसर तंजील अहमद की हत्या का आतंकी कनेक्शन नहीं है। तंजील के करीबी लोगों ने ही उनकी हत्या की है। हत्या के पीछे प्रापर्टी विवाद की बात सामने आ रही है। मुख्य अभियुक्त मुनीर को पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस सूत्रों का दावा है कि उससे अभी हथियार बरामद नहीं हुए हैं। इनकी बरामदगी के बाद ही आधिकारिक तौर पर खुलासा किया जाएगा।
एनआईए के डीएसपी तंजील अहमद की 2 अप्रैल की रात स्योहारा थाना क्षेत्र के उनके पैतृक गांव सहसपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सूत्रों की मानें तो हत्याकांड के मास्टरमाइंड सहसपुर निवासी रिहान और मुनीर हैं। रिहान तंजील अहमद के रिश्ते के बहनोई हबीब का भतीजा है। रिहान ने मुनीर के साथ मिलकर हत्याकांड को अंजाम दिया है। इसके लिए दो अन्य शूटर्स भी हायर किए गए थे। फैजाबाद निवासी आशुतोष मिश्रा और बिहार निवासी अताउल्ला खां का नाम शूटर्स के तौर पर सामने आया। बुधवार को एसटीएफ बरेली ने रिहान को लाल रंग की पल्सर बाइक के साथ गिरफ्तार किया था। उससे पूछताछ के आधार पर ही सहसपुर से पांच लोगों को हिरासत में लिया गया था।
अलीगढ़ से भी मुनीर के निकट रहे स्योहारा निवासी युवक को पकड़ा था। सूत्रों के अनुसार इन लोगों को पूछताछ के लिए उठाया गया है। सूत्रों के अनुसार आशुतोष मिश्रा और अताउल्ला खां भी जांच एजेंसियों की गिरफ्त में आ चुके है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार शाम को मुनीर को भी गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पार्टी हथियार बरामदगी के लिए उसे साथ लेकर दबिशें दे रही है।
अब एक दुकान का विवाद बताया जा रहा कारण
सूत्रों की मानें तो तंजील अहमद की दिल्ली में एक दुकान थी, जो कुछ साल पहले उन्होंने अपने रिश्ते के बहनोई हबीब को दे दी थी। अब उस दुकान की मार्केट वैल्यू कई गुना बढ़ गई थी। तंजील उस दुकान को पूर्व में दिया पैसा देकर वापस मांग रहे थे। सूत्रों की मानें तो इसी को लेकर हबीब का भतीजा रिहान तंजील से रंजिश रखने लगा था।
मुनीर भी रखता था रंजिश
करीब दो साल पहले मुनीर का नाम पहली बार अलीगढ़ सिविल लाइन्स के अमीर निशा इलाके में पत्नी संग बाजार से बाइक पर लौट रहे कारोबारी फहद की हत्या में सामने आया था। इसके बाद से मुनीर फरार चल रहा है। फरारी के दौरान ही मुनीर पर 09 सितंबर 2015 को एएमयू में डीएसडब्ल्यू छात्र आलमगीर की हत्या का आरोप लगा। वारदात में प्रयोग की गई कार सहसपुर के एक दुकानदार की थी जिसको मुनीर लेकर गया था। सूत्रों की मानें तो इस कार को रिलीज कराने और उचित कार्रवाई के लिए तंजील अहमद ने फोन किया था। इस हत्या में मुनीर पर पांच हजार का इनाम हुआ और पुलिस ने कुर्की तक कर दी। इसके बाद से मुनीर भी तंजील ने रंजिश रखने लगा था।
मुनीर और रिहान आए संपर्क में
तंजील अहमद से रंजिश के चलते मुनीर और रिहान दोनों एक-दूसरे के मददगार बने। सूत्रों की मानें तो इस दोस्ती को प्रगाढ़ता दी एक युवती ने। यह युवती एक की रिश्तेदार और दूसरे की प्रेमिका बताई जा रही है। यह युवती तंजील अहमद की भी रिश्तेदारी में थी। सूत्रों की मानें तो तंजील अहमद के फोन पर आखिरी कॉल इसी युवती की ही आई थी।
काफी समय से की जा रही थी तैयारी
सूत्रों की मानें तो तंजील की हत्या को अंजाम देने के लिए काफी समय से तैयारी की जा रही थी। मुनीर इन दिनों ओखला इलाके में रहकर काफी समय से तंजील के बारे में जानकारी जुटा रहा था। बता दें कि तंजील अहमद भी ओखला के शाहीन बाग इलाके में रहते थे। सूत्रों की मानें तो उनके आने का पता नहीं चलता था। जानकारी के लिए तंजील की एक रिश्तेदार को सूत्र बनाया गया। तंजील के अपनी भानजी की सगाई में आने की जानकारी इसी सूत्र में माध्यम से मिली। आनन-फानन में हत्या की प्लानिंग की गई, लेकिन उस बार सफलता नहीं मिली। सूत्रों की मानें तो इस बीच यह तय हो गया था कि तंजील अहमद परिवार के साथ शादी में भी आएंगे। इस बीच मुनीर और रिहान ने सहसपुर में रुककर पूरी प्लानिंग की। भाड़े पर शूटर्स भी जुटाए गए। सूत्रों की मानें तो तंजील की कार वारदात से पहले रात में दो बार स्योहारा से सहसपुर आई थी। चारों लोग शादी में मौजूद थे और उन्होंने तंजील के आसपास फोन से वीडियो भी बनाई थी।
एएमयू का छात्र नहीं रहा कुख्यात मुनीर
एनआईए के डिप्टी एसपी तंजील अहमद की हत्या का मास्टर माइंड मुनीर कभी भी एएमयू का छात्र नहीं रहा। एएमयू प्रशासन ने जब दस्तावेज खंगाले तो इस बात की जानकारी हुई। मुनीर के साथ एएमयू का नाम जुड़ने के बाद एएमयू प्रशासन सक्रिय हुआ। गुरुवार को एएमयू के प्रॉक्टर आफिस और डीन स्टूडेंट वेलफेयर ऑफिस में दस्तावेज खंगाले गए। करीब छह घंटे की लगातार पड़ताल के बाद भी एएमयू रिकॉर्ड में कहीं भी इस मुनीर का नाम नहीं मिला। एएमयू के प्रॉक्टर प्रो. एम मोहसिन खान ने बताया कि यूनिवर्सिटी का आठ साल का रिकॉर्ड खंगाल लिया गया है, लेकिन बिजनौर के गांव सहसपुर निवासी मुनीर का कहीं नाम नहीं मिला है। एएमयू के एक अधिकारी ने बताया कि मुनीर खासा शातिर किस्म का है। वह बचने और साथियों पर अपना इंप्रेशन डालने के लिए एएमयू का छात्र बताता रहता है। इसका वह खूब प्रचार भी करता रहा है।
दो हत्या व रंगदारी समेत कायम हैं पांच मुकदमे
कुख्यात अपराधी मुनीर ने अलीगढ़ में अपराध की शुरुआत वर्ष 2013 में की थी। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, मुनीर के खिलाफ सबसे पहले सिविल लाइन्स इलाके में जमीन कब्जाने का मुकदमा कायम हुआ था। उसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसके अगले साल वर्ष 2014 में हथियार के बल पर रंगदारी मांगने का मुकदमा दर्ज हुआ। इसके बाद वर्ष 2014 में ही मुनीर को मेडिकल रोड पर एक छात्र पर जानलेवा हमले में नामजद किया गया। फिर 18 अक्टूबर को नोएडा के कारोबारी फवाद की सरेशाम लाल डिग्गी रोड पर हत्या कर दी। व्यापारी पत्नी के साथ बाइक पर जा रहा था। आरोप है कि पीछे चल रहे मुनीर और उसके साथियों ने पत्नी पर छींटाकशी कर दी। व्यापारी ने विरोध किया तो पिस्टल निकाल कर उसे गोली मार दी। इस मुकदमे में वह फरार हो गया। इस मामले में पुलिस बिजनौर स्थित सहसपुर से उसकी संपत्ति भी कुर्क कर चुकी है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक मुनीर यहीं नहीं थमा। महज 11 महीने बाद एएमयू के छात्र व सहारनपुर निवासी आलमगीर की परिसर में ही गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी तो उस पर पांच हजार का इनाम घोषित कर दिया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुनीर खासा दुस्साहसी है। 9 एमएम की पिस्टल हर समय अपने साथ रखता है।
आभार- लाइवहिन्दूस्तान.कॉम