नई दिल्ली । कई दिन के स्थगन के बाद राज्यसभा ने आज अपराह्न दो बजे सदन की बैठक फिर शुरू होते ही मिनटों के भीतर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण संशोधन विधेयक 2015 सहित तीन विधेयकों को सर्वसम्मति से पारित कर दिया।
पारित किए गए अन्य दो विधेयक विनयोग संख्या 4 विधेयक 2015 और विनियोग संख्या 5 विधेयक 2015 के विचार और वापसी के लिए हैं। अपराह्न दो बजे सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, एक ही विचार था कि कहीं सदन की कार्यवाही फिर से तो स्थगित नहीं हो जाएगी क्योंकि विपक्ष ने पूरक कार्य सूची के जरिए किशोर न्याय विधेयक लाने के सरकार के कदम की निन्दा की। राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने इस पर यह कहकर आपत्ति जताई कि सत्तारूढ़ पार्टी खुद ही मुद्दे को जटिल बना रही है। उन्होंने कहा, ”हम कह चुके हैं कि हम अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति .ंअत्याचार निवारण.ं संशोधन विधेयक को पारित करना चाहते हैं। सर्वदलीय बैठक में मैंने कहा था कि किशोर न्याय विधेयक प्रस्तुत किया जाना चाहिए। लेकिन यह आज के एजेंडे में नहीं था। परंतु मीडिया की खबरों की वजह से सरकार अब इसे पूरक कार्य सूची में लाई है। यह केवल जनता के बीच विपक्ष को यह कहते हुए बदनाम करने का प्रयास है कि हमने इसे प्रस्तुत किया था, लेकिन विपक्ष ने आपत्ति की। उन्होंने कहा कि मामले को कल लिया जा सकता है और इसे कार्यसूची में पहले नंबर पर सूचीबद्ध किया जाना चाहिए। आजाद ने कहा, ”यह केवल इसलिए किया जा रहा है, ताकि मीडिया और जनता हमारी आलोचना करे।