कानपुर। .यहां
भी ओडिशा के दाना माझी जैसा मामला सामने आया है। दरअसल, गणेश शंकर
विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज के हैलट हॉस्पिटल में एक शख्स अपने तेज बुखार से
पीड़ित 12 साल के बच्चे को कंधे पर लादकर एक डिपार्टमेंट से दूसरे
डिपार्टमेंट दौड़ता रहा। पिता का आरोप है कि हॉस्पिटल में समय पर न स्ट्रैचर
मिला, न इलाज। मेरे बेटे ने 9 मिनट में दम तोड़ दिया।
– फजलगंज
इलाके में रहने वाले सुनील ने बताया- “12 साल के बेटे अंश को रविवार की देर
शाम अचानक तेज बुखार आया। इसके बाद रात में बुखार की दवा भी दी, लेकिन
सोमवार सुबह 10 बजे के करीब उसे फिर तेज बुखार अा गया।”
– “इसके बाद मैं
बेटे को हैलट हॉस्पिटल के इमरजेंसी डिपार्टमेंट लेकर पहुंचा। वहां
डॉक्टरों ने बेटे को एडमिट करने की जगह बाल रोग विभाग में ले जाने को कहा।”
– “इमरजेंसी डिपार्टमेंट से बाल रोग विभाग की दूरी 250 मीटर है, लेकिन अस्पताल की तरफ से मुझे स्ट्रेचर नहीं दिया गया।”
– “जब बेटे की हालत ज्यादा बिगड़ी तो मैं उसे अपने कंधे पर लादकर बाल रोग विभाग की तरफ पैदल ही दौड़ पड़ा।”
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“लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही बेटे ने दम ताेड़ दिया। अंश की मौत के बाद
भी मुझे स्ट्रेचर नहीं मिला और मैं उसे कंधे पर ही लादकर बाहर लाया।”
जांच के आदेश, दो दिन में मांगी रिपोर्ट
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गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य नवनीत कुमार ने इस मामले
में जांच के आदेश दे दिए हैं। जांच के लिए दो डॉक्टरों की टीम बनाई गई है।
इन्हें दो दिन में रिपोर्ट देने को कहा है।
– कुमार के मुताबिक, अगर अंश की मौत इलाज न मिलने से हुई है तो मामला गंभीर है। जो भी दोषी होगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बाल आयोग ने भी दिखाई सख्ती
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उत्तर प्रदेश बाल आयोग ने भी कड़ा रुख अपनाया है। आयोग की मेंबर नाशीद
लहरी ने बताया कि डीएम किशोर राज शर्मा को जांच करने के निर्देश दिए हैं।
डीएम ने भी मामले की जांच के लिए एक टीम गठित कर दी है।
इससे पहले उड़ीसा में सामने आए दो मामले
पहला 24 अगस्त को
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कालाहांडी के रहने वाले बेहद गरीब दाना माझी के पास एम्बुलेंस के पेमेंट
के लिए पैसे नहीं थे। हॉस्पिटल अथॉरिटी ने मदद से इनकार कर दिया। मांझी की
पत्नी अमंग देवी (42) का भवानीपटना के हॉस्पिटल में टीबी का इलाज चल रहा
था, जहां उसकी मौत हो गई। उसे अपनी पत्नी की बॉडी को कंधे पर लेकर 10 km तक
पैदल चलना पड़ा था।
दूसरा 25 अगस्त का
– बालासोर में एक सरकारी हॉस्पिटल में एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई।
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आरोप है कि स्टाफ ने बुजुर्ग महिला की मौत के बाद उसकी हड्डियां तोड़कर
गठरी बनाई थी। ऐसा इसलिए किया गया कि हॉस्पिटल के पास एम्बुलेंस नहीं थी।
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बॉडी को दूसरे शाहर के हॉस्पिटल में पोस्टमार्टम के लिए ले जाना था। कुछ
लोगों ने इस गठरी को बांस के डंडे बांधकर रेलवे स्टेशन तक ले गए। इसका
वीडियो भी वायरल हुआ था।