लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार तथा उनकी पत्नी पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इसके लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जिम्मेदार ठहराते हुए इसे ‘छापे को राजनीति’ से प्रेरित बताया है।
मायावती ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा कि भाजपा मेरे भाई तथा बसपा उपाध्यक्ष आनंद कुमार को जानबूझ कर परेशान करने में लगी है। उन्हें परेशान करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। यह छापे राजनीति से प्रेरित हैं इसके लिए भाजपा जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि वर्तमान की भाजपा सरकार पहले अपने गिरेबान में झांककर देखे। उन्होंने कहा भाजपा के पास 2,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की बेनामी संपत्ति आई और उसी संपत्ति से उन्होंने लोकसभा चुनाव में गरीबों के वोट खरीदे।
मायावती ने कहा कि अटल जी (अटल बिहारी वाजपेयी) की सरकार को छोड़ दो तो पिछली सभी सरकारें और वर्तमान में (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी व (गृह मंत्री) अमित शाह की जोड़ी मिलकर वंचितों को दबाने का कार्य कर रही हैं। चुनाव में भाजपा ने गरीबों के वोट खरीदे, इस बात का सबूत है कि चुनाव के दौरान भाजपा के खाते में 2,000 करोड़ रुपए आए। उन्होंने कहा कि भाजपा की इस कार्रवाई से वे डरने वाली नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा तो दलित, गरीब व किसान को परेशान करने में सबसे आगे रही है। धनकुबेरों को लाभ देने के लिए विख्यात इस पार्टी के नेताओं को दलित परिवार का आगे बढ़ना रास नहीं आ रहा है। भाजपा के नेता तो आदिवासियों को आगे बढ़ते नहीं देखना चाह रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा भले ही हमारा कितना दमन करे, लेकिन बसपा लोगों की आवाज के लिए लड़ती रहेगी। दलितों व पिछड़े वर्ग को निजीकरण के जरिए खत्म करने की कोशिश की जा रही है। मायावती ने कहा कि यदि उन्हें लगता है कि वे बहुत ईमानदार हैं, तो उन्हें जांच करनी चाहिए कि राजनीति में आने से पहले उनके पास और उनके परिवार के पास कितनी संपत्ति थी और अब कितनी है। इससे देश के सामने सब कुछ स्पष्ट हो जाता है।