विकास की नई उमंग भरी अगली सुबह देखेगी अयोध्या

0
769

लखनऊ । अयोध्या में राम मंदिर-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद को लेकर सबसे लम्बे चले मुकदमे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ 09 नवम्बर 2019 की तारीख इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों के साथ दर्ज हो गई। जिस अयोध्या का नाम दशकों तक सिर्फ दुनिया में इस विवाद के कारण सुर्खियों में आता था, उसकी आने वाली सुबह अब नई उमंग, सौहार्द और विकास का संदेश लेकर आयेगी। देश की सबसे बड़ी अदालत ने सबसे बड़े फैसले में अयोध्या की विवादित जमीन पर रामलला विराजमान का हक माना। वहीं मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की विशेष बेंच ने सर्वसम्मति से यह फैसला सुनाया।
तनाव की आशंका के बीच बेहद शांत और सौहार्दपूर्ण रही अयोध्या
फैसले को लेकर इस बात का डर सता रहा था कि कहीं अयोध्या में कुछ ऐसा न हो जाए, जिसकी चिंगारी पूरे देश को अपनी चपेट में ले ले, लेकिन रामनगरी के लोगों ने ये साबित कर दिया कि वह न सिर्फ राम में आस्था रखते हैं, बल्कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम के मूल्यों को अपनाने में भी सबसे आगे हैं। यही वजह रही कि मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने फैसले के तुरंत बाद कहा कि हम पहले से ही कहते रहे हैं कि कोर्ट जो भी फैसला करेगी उसे स्वीकार करेंगे। अब सरकार को फैसला करना है कि वह हमें जमीन कहां पर देती है। यह हिन्दुस्तान के लिए बहुत बड़ा मसला था जिसका निपटारा होना जरूरी था, मैं फैसले से खुश हूं। हम आगे कहीं अपील करने नहीं जा रहे हैं। वहीं निर्मोही अखाड़े ने भी अपना दावा खारिज होने किसी तरह की नकारात्मक टिप्पणी नहीं की, बल्कि रामलला का पक्ष मजबूत साबित होने और अधिकार मिलने पर खुशी जतायी। 
मंदिरों में घंटो की गूंज और मस्जिदों से सुनाई दी अजान
दोनों समुदायों के बीच आपसी मजबूत ताना-बाना का ही असर था कि अयोध्या में रोज की तरह मंदिरों में घंटा-घड़ियालों की गूंज सुनाई दी। मस्जिदों में अजान हुई और पूरे दिन दोनों समुदायों के बीच सौहार्द बने रहने के साथ सरयू के निर्मल और शांत पानी की तरह रात में भी अयोध्या का मिजाज इसी तरह नजर आया और लोग सुकून से सोने की बात कहते सुनाई दिए। 
रामलला को मिला अपने घर का मालिकाना हक, सरयूवासियों ने मनायी  दीपावली
वास्तव में सरयूवासियों ने शनिवार को असली दीपावली मनाई। एक ऐसा दिन जिसे देखने के लिए तरसते हुए कितनी पीढ़ियां गुजर गईं। सरयू स्नान घाटों से लेकर मंदिरों की चौखट तक दीपों का नजारा एक अद्भुत एहसास करा रहा था। मणिराम दास जी की छावनी, वाल्मीकि रामायण भवन, श्री राम जन्मभूमि न्यास, कारसेवक पुरम सहित सभी प्रमुख स्थलों में दीप जलाकर रामलला के प्रति श्रद्धाभाव प्र​दर्शित किया गया। रामलला को आज कानूनी रूप से अपने घर का मालिकाना हक मिलने पर लोगों की खुशी देखने लायक थी। ये इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि शास्त्रों के मुताबिक श्रीराम ने कहा था कि उन्हें बैकुंठ से भी अवधपुरी ज्यादा प्रिय है। 
भारत की कीर्ति को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाएगा राम मंदिर-योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्वास व्यक्त किया है कि अब अयोध्या में भगवान श्रीराम जी जन्मभूमि पर प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बनेगा। यह मन्दिर भव्य भारत का एक राष्ट्र मंदिर बनकर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की कीर्ति के अनुसार ही भारत की कीर्ति को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शांति और सौहार्द के वातावरण को बनाए रखने में अपने दायित्वों के निर्वहन के लिए सभी साधु संतों, समस्त धर्म गुरुओं, प्रबुद्धजन एवं प्रदेश के समस्त प्रशासनिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रति हृदय से आभार व्यक्त किया।
विकास के नये अध्याय की साक्षी बनेगी अयोध्या
इस विवाद के पटापेक्ष के बाद अब अयोध्यावासी वास्तव में उस विकास के साक्षी बन सकेंगे, जिसके वह हकदार हैं। दशकों से अयोध्या के नाम पर सियासत तो जमकर हुई, लेकिन विकास के नाम पर यहां वैसा कुछ नहीं दिखाई दिया, जो मथुरा और काशी में हो पाया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यना​थ ने सरकार में आते ही जिस तरह से अयोध्या में विकास कार्यों की शुरुआत की, उसे फैजाबाद जनपद से बदलकर ‘अयोध्या’ नाम दिया, उससे रामनगरी के लोगों को एक उम्मीद जगी और अब फैसले के बाद उनका विश्वास और मजबूत हो गया है। 
योगी सरकार ने दीपोत्सव से वैश्विक स्तर पर दी नई पहचान
अयोध्या के विकास को लेकर योगी सरकार की महत्वपूर्ण पहल की बात करें तो बीते दो वर्षों से दीपावली के पर्व पर सरयू जी के तट पर ‘दीपोत्सव’ का भव्य आयोजन किया गया। 2018 के दीपोत्सव में 3.31 लाख दीप प्रज्वलित कर गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड बनाया गया। इसी क्रम में इस बार दीपोत्सव कार्यक्रम के माध्यम से राम नगरी में रिकॉर्ड 6.11 लाख दीप जलाए गए और राम की पैड़ी पर एक साथ 4.10 लाख दीप जलाने का नया विश्व रिकॉर्ड कायम हुआ। देश-विदेश के कलाकारों की रामलीला प्रस्तुति से वैश्वि​क स्तर पर इसे सराहा गया। 
धार्मिक पर्यटन को लगेंगे नये पंख
अयोध्या के साथ दीपोत्सव अब जुड़ चुका है। इसी तरह अयोध्या में श्रीराम की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी। सरयू के किनारे सटे 100 हेक्टेयर क्षेत्र में 251 मीटर ऊंची प्रतिमा देश ही नहीं दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। इसके अलावा सरयू के घाटों के सौन्दर्यीकरण से लेकर यहां विकास सम्बन्धी कई परियोजनाओं का ​शिलान्यास और लोकार्पण वर्तमान सरकार में हो चुका है। 

अब मंदिर निर्माण का रास्ता साफ होने के बाद यहां धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाई मिलेगी। टेंट में रामलला का दर्शन करने वाले श्रद्धालु भव्य मंदिर में उन्हें पाकर अभिभूत होंगे। रामजन्म भूमि का मॉडल कारसेवकपुरम, निर्माण कार्यशाला में लोगों को रखा गया है। रामनगरी में रामजन्म भूमि पर बनने वाले मंदिर का आकार दो मंजिल का होगा। जिसमें पत्थर के निर्माण की कार्यशाला में निर्मित हो रहा है, जिसमें लगभग सत्तर प्रतिशत का काम पूर्ण हो चुका है। इसमें पहले मंजिल की ऊंचाई 18 फीट, दूसरे मंजिल की ऊंचाई 15 फीट नौ इंच की होगी। स्थानीय स्तर पर रोजगार के बढ़ेंगे अवसर
इसके साथ ही अब आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं को अयोध्या में बेहतर ठहरने के इंतजाम मिलेंगे। पर्यटन सुविधाओं में इजाफा होगा। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे, जिसका वास्तविक लाभ स्थानीय अयोध्यावासियों को मिलेगा। सही मायनों में ये उनके समग्र विकास की भी शुरुआत होगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here